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    जाली वीजा व ज्वाइनिंग लेटर बनाकर विदेश में नौकरी का झांसा... 12 राज्यों के 1500 युवाओं के ठगने वाले 7 गिरफ्तार

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 02:16 PM (IST)

    आगरा में पुलिस ने जाली वीजा और जॉइनिंग लेटर के माध्यम से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। सरगना समेत सात लोग गिरफ्तार किए गए हैं जिन्होंने 12 राज्यों के 1500 से अधिक युवाओं को निशाना बनाकर 3 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपित इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन देकर युवाओं को फंसाते थे।

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    नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले आरोपित। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा। जाली वीजा और ज्वाइनिंग लेटर बनाकर विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से गिरोह ठगी कर रहा था। गिरोह के सदस्य इंटरनेट मीडिया पर भर्ती का विज्ञापन जारी कर युवाओं को अपने जाल में फंसाते थे। पुलिस ने सरगना सहित सात सदस्यों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया।

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    इनके पास से जाली वीजा व ज्वाइनिंग लेटर के साथ ही भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के जाली लाइसेंस बरामद हुए हैं। पकड़े गए आरोपित अब तक 12 राज्यों के 1500 युवाओं को शिकार बनाकर तीन करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। आगरा में आठ लोगों से पांच लाख रुपये की ठगी की है। गिरफ्तार आरोपितों में से छह दिल्ली के और एक गाजियाबाद का रहने वाला है।

    फर्जी वीजा और ज्वाइनिंग लेटर बनाकर फंसाते थे युवाओं को जाल में

    पुलिस लाइन सभागार में शुक्रवार को डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने प्रेसवार्ता कर बताया कि मार्च महीने में कलकत्ता के आठ से दस युवाओं ने आगरा आकर विदेश में नौकरी के नाम पर ठगी करने की शिकायत की थी। साइबर व हरीपर्वत थाना पुलिस ने जांच की तो पता चला कि गिरोह के सदस्यों ने इस वर्ष मार्च में संजय प्लेस में जियान इंटरनेशनल व होली इंटरनेशनल के नाम से ऑफिस खोलकर लोगों के साथ ठगी की थी। 50 के करीब युवाओं के साथ ठगी करने के बाद गिरोह के सदस्य दो महीने बाद ऑफिस बंद करके चले गए थे।

    12 प्रदेशों के 1500 युवाओं को निशाना बनाकर तीन करोड़ की कर चुके हैं ठगी

    चार दिन पहले ही इन्होंने सिकंदरा के सत्यम काम्प्लैक्स में एसआइ ओवरसीज नाम से ऑफिस खोला था। सूचना पर पुलिस टीमें ने गुरुवार को सरगना सहित गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले वर्ष 2022 में दिल्ली में पुलिस ने सरगना अंकित गुप्ता को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।

    डीसीपी सिटी ने बताया कि जिन खातों में ठगी का रुपया मंगाया गया है, उन्हें फ्रीज कराया गया है। खातों में जमा धनराशि की रिकवरी कराई जाएगी। प्रेसवार्ता के दौरान एडीसीपी आदित्य, एसीपी हरीपर्वत अक्षय महाडिक मौजूद रहे।

    पुलिस ने इन्हें किया गिरफ्तार

    पुलिस ने जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी अपनी भूमिका थी। गिरफ्तार किया गया पूर्वी दिल्ली के स्कूल ब्लाक थाना मधु विहार निवासी अंकित गुप्ता गिरोह का सरगना है। इसके साथ ही दिल्ली शाहदरा ज्योति कॉलोनी निवासी विजय कुमार, पूर्वी दिल्ली मंडावली स्कूल ब्लाक निवासी विशाल मेहता, शाहदरा वेलकम दुर्गा गली निवासी राजेश शर्मा, दिल्ली शाहदरा बलवीर एक्सटेंशन गली नंबर दस निवासी नवनीत जैन, पूर्वी दिल्ली मधु विहार स्कूल ब्लाक निवासी रजनीकांत उर्फ लल्ला व गाजियाबाद के आफीसर्स सिटी-वन राजनगर एक्सटेंशन निवासी हेमंत शर्मा को गिरफ्तार किया है।

    अंकित गुप्ता, नवनीत जैन व हेमंत शर्मा युवाओं को कॉलिंग करके शिकार बनाने के बाद उनके जाली वीजा व ज्वाइनिंग लेटर व ऑफर लेटर जारी करते थे। विजय कुमार, राजेश शर्मा जाल में फंसने वाले युवाओं को कॉलिंग करते थे। रजनीकांत फर्जी सिम व बैंक खाते उपलब्ध कराता था। वहीं विशाल मेहता गाड़ी चलाने के साथ ही अन्य कार्य करता था।

    ये सामान हुआ बरामद

    कुवैत, अजरबैजान, ओमान आदि देशों के कंपनियों के फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, अलग-अलग देशों के विदेश मंत्रालयों की डिजिटल मोहरें, जाली वीजा, छह मोबाइल, लैपटॉप, प्रिंटर, होटा सिटी कार आदि सामान बरामद किया है।

    युवाओं को ऐसे फंसाते थे जाल में

    डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि गिरोह के सदस्य कुवैत, अजरबैजान, ओमान आदि देशों की मल्टीनेशल कंपनियों के नाम से पिलंबर, फिटर, टेक्नीशियन, आफीसर सिक्योरिटी गार्ड आदि पदों पर भर्ती का विज्ञापन तैयार करते थे। इसके बाद विज्ञापन को इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर पोस्ट करते थे। फर्जी सिम लेकर उनके नंबर विज्ञापन में देते थे। मेट्रो सिटी में स्थानीय महिलाओं और युवतियों को नौकरी देकर आफिसर खोलते थे। किरायेनामे में फर्जी आधारकार्ड का इस्तेमाल किया जाता था।

    रिक्शा वाले का आधारकार्ड देकर खाेला था ऑफिस

    आगरा के संजय प्लेस में ऑफिस एक रिक्शा वाले के आधारकार्ड देकर खोला था। ऑफिस प्रथम या द्वितीय तल पर बनाते थे। युवाओं को निशाना बनाकर उन्हें ऑफर लेटर, ज्वाइनिंग लेटर और वीजा जारी करते 40 से 60 हजार रुपये वसूलते थे। एक शहर में दो से तीन महीने तक आफिस का संचालन करते, ठगी के बाद उसे बंद कर देते थे। साथ ही उन नंबरों को भी बंद कर देते थे जो विज्ञापन में दिए जाते थे।

    15 सौ में खरीदते थे सिम, 10 प्रतिशत में बैंक खाते

    डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि रजनीकांत उर्फ लल्ला गिरोह के सदस्यों को फर्जी सिम और बैंक खाते उपलब्ध कराता था। एक सिम का उसे 15 सौ रुपये व बैंक खाते में जमा होने वाली कुल धनराशि का 10 प्रतिशत हिस्सा मिलता था। पुलिस पूछताछ में लल्ला ने बताया कि कैनओपी लगाकर सिम बेचने वालों से वह तीन सौ रुपये में चालू सिम खरीदता था। कैनओपी वाले सिम खरीदने के लिए आने वालों को झांसा देकर कई बार फ्रिंगर प्रिंट लगवाकर उनके नाम से कई सिम ले लेते थे। सिम लेने वाले लोगों के कागजों से ही फर्जी बैंक खाते खुलवाते थे।

    इन राज्यों में की ठगी

    उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, केरला, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना।

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