यूजर चार्ज की संशोधित दर प्रभावी: गृहकर जमा करने पर 10 प्रतिशत की छूट, आगरा नगर निगम के 32 नए ट्रेड पर शुल्क
आगरा नगर निगम सदन की बैठक में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों में देरी और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में लापरवाही पर पार्षदों ने हंगामा किया। एसडीएम स्तर पर रिपोर्ट में देरी पर चिंता जताई गई। सदन ने गृहकर जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाने और नए व्यापार करों को लागू करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए। बहुमंजिला इमारतों पर कर और केबल शुल्क पर भी चर्चा हुई।

जागरण संवाददाता, आगरा। आठ महीने के इंतजार के बाद हुए नगर निगम के सामान्य सदन में पार्षदों ने जमकर भड़ास निकाली। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र में एसडीएम स्तर से लापरवाही पर सवाल खड़े किए। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में स्वच्छता कारपोरेशन की खामियां गिनाते-गिनाते आपस में भिड़ गए।
कुछ देर के हंगामे के बाद मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह के कंपनी के कार्य की थर्ड पार्टी जांच कराने के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। मौजूदा वित्तीय वर्ष के गृृहकर जमा करने पर मिलने वाली छूट 30 सितंबर तक दिए जाने पर सदन ने मोहर लगाई। वहीं 32 नए व्यापार पर ट्रेड टैक्स की संशोधित देंर लागू की गई। इसके साथ ही यूजर चार्ज को घटाकर उसकी संशोधित दरों को प्रभावी और पंजीकरण को निश्शुल्क किया गया।
जन्म-मृत्य प्रमाण पत्र के लिए आवेदक लगा रहे चक्कर
नगर निगम का सदन सोमवार को सदन कक्ष में आयोजित किया गया, जिसकी शुरुआत स्वच्छता रैकिंग में प्रदेश में दूसरे और देश में 10वें स्थान पर आने पर पार्षदों ने बधाई दी। इसके बाद प्रश्न काल की शुरुआत हुई, जिसमें स्वच्छता, निर्माण संबंधित प्रश्न पार्षदों ने रखे, जिसके लिखित उत्तर उनको दिए गए। पार्षद हेमंत प्रजापति ने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में आ रही मुश्किल को उठाया।
पार्षदों का मिला समर्थन
इस पर दूसरे पार्षदों का भी समर्थन मिला। उनका कहना था कि लोग इसके लिए चक्कर काट रहे हैं। तीन से छह महीने में एसडीएम स्तर से रिपोर्ट नहीं लग पा रही है। इस पर मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने कहा कि जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी से वार्ता की जाएगी। आवश्यकता हुई तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मामले से अवगत कराया जाएगा।
नगरायुक्त ने कही ये बात
नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि नगर निगम 30 दिन के अंदर किए गए आवेदनों को सीधे स्वीकार करता है। इसमें असुविधा न हो इसलिए पोर्टल की शुरुआत की गई है। पार्षद रवि विहारी माथुर ने 30 सितंबर तक गृहकर पर मौजूदा वित्तीय वर्ष का टैक्स जमा करने पर 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में लापरवाही पर पार्षद सुनील शर्मा, कप्तान सिंह, अमित दिवाकर, पुष्पा मौर्य ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को लेकर सवाल खड़े किए।
बहाना करते हैं कूड़ा उठाने वाले
पार्षदों ने कहा कि तीन-तीन दिन कलेक्शन को नहीं आते हैं। गाड़ी खराब होने, ड्राइवर नहीं होने का बहाना लगाते हैं। संकरी गलियों, 60 से अधिक कॉलोनियों में कार्य प्रभावित है। कई दूसरे पार्षदों ने भी इस पर समर्थन जताया। मेयर ने स्वच्छता कारपारेशन के कार्य की जांच के लिए थर्ड पार्टी एजेंसी लगाने की बात कही गई।
सहायक नगरायुक्त ने बताया कि शिकायतें मिलने पर भुगतान पर भी रोक लगाई गई है। इस दौरान बसपा, भाजपा पार्षदों में भी बोलने को लेकर तीखी बहस हो गई, जिससे सदन कुछ देर के लिए प्रभावित हो गया। इसके साथ ही सदन में यूजर चार्ज वसूलने के संशोधित प्रस्ताव काे पास किया गया। इसमें चार्ज को घटाया गया है।
वहीं 32 नए ट्रेड से वार्षिक शुल्क तय किया गया। इसमें ज्वेलर्स, कार, दोपहिया एजेंसी सहित अन्य प्रतिष्ठान शामिल है। जूता फैक्ट्रियों पर 100 श्रमिकों की संख्या से अधिक के लिए बढ़ी ही दरें लागू करने, मिठाई शोरूम को भी ट्रेड के दायरे में लाने पर सहमति जताई गई। इस दौरान सीएफओ ब्रजेश सिंह, अपर नगरायुक्त शिशिर कुमार मौजूद थे। 119 प्रस्ताव होने के कारण सदन सुबह 11 बजे से रात साढ़े आठ बजे तक चला।
बहुमंजिला इमारत 15 हजार चिन्हित, नौ से वसूला टैक्स
पार्षद रवि माथुर ने प्रस्ताव रखा कि शहर में बहुमंजिला इमारतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अगर इनसे टैक्स वसूली की जाएगी तो राजस्व में वृद्धि होगी। ये कार्य अप्रैल से नवंबर के मध्यम किया जा सकता है, जिस समय राजस्व वसूली का दबाव कम होता है। इस पर सदन को बताया गया कि 15 हजार चिन्हित कर लिए गए हैं। नौ हजार से टैक्स वसूला गया है।
दुकानों के फ्रंट पर लगा सकेंगे बड़ा बोर्ड, विज्ञापन कंपनी से वसूला जाएगा जुर्माना
नगर निगम द्वारा दुकानों, शोरूम के बाहर नाम के लिए लगे बोर्ड पर आपत्ति जताई गई थी। प्रतिष्ठान के आगे डेढ फीट गुणा तीन फीट का बोर्ड लगाने का नियम के तहत बड़ा बोर्ड लगाने पर प्रीमियम टैक्स वसूलने की बात कही गई थी। इस पर पार्षद रवि माथुर, राकेश जैन ने गतिरोध जताया। उनका कहना था कि दुकान का फ्रंट जितना है उसका बोर्ड लगाने की अनुमति हो। इस पर सहायक नगरायुक्त ने कहा कि बोर्ड पर जिस ब्रांड या कंपनी का विज्ञापन होगा उससे टैक्स वसूला जाएगा। कई कंपनियों ने नोटिस के बाद टैक्स जमा भी किया है।
प्रति केबिल पांच हजार रुपये देना होगा प्रति वर्ष शुल्क
शहर के घने बाजारों में केबिलों का जाल बिछा हुआ है। विभिन्न कंपनियों के आपरेटर ने केबिल डाल रखी हैं जो अकसर मुश्किल खड़ी करती हैं। सदर क्षेत्र में हाल ही में आग लगी थी, जबकि किनारी बाजार में ये अकसर मुश्किल खड़ी करते हैं। बंदर झूलते हैं और हादसे की आशंका रहती है। कंपनियों की केबिल प्रति वर्ष, प्रति वार्ड, प्रति केबिल पांच हजार रुपये चार्ज किया जाएगा। शुल्क देने के बाद भी केबिल को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की होगी।
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