Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में आगरा ने पाया तीसरा स्थान, प्रथम आने के लिए उठाने होंगे ये जरूरी कदम

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 01:05 AM (IST)

    आगरा को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में तीसरे वर्ष तीसरा स्थान मिला है। प्रथम स्थान पाने के लिए और प्रयास करने होंगे। निर्माण स्थलों पर एयर पोल्यूशन सेंसर धूल नियंत्रण उपाय और कंस्ट्रक्शन वेस्ट का उचित प्रबंधन आवश्यक है। सड़कों पर पौधारोपण बेहतर सार्वजनिक परिवहन और नियमित पानी का छिड़काव भी महत्वपूर्ण हैं। लकड़ी व कोयला जलाने पर प्रतिबंध और ऑटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशनों की सही लोकेशन ज़रूरी है।

    Hero Image
    स्वच्छ वायु सर्वेक्षण आगरा ने पाया तीसरा स्थान, प्रथम आने के लिए उठाने होंगे ये जरूरी कदम

    जागरण संवाददाता, आगरा। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में शहर को देश में तीसरे वर्ष तीसरा स्थान मिला है। हमने इस दिशा में काफी बेहतर प्रयास किए हैं। लेकिन प्रथम स्थान पर आने के लिए अभी और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। नियमित रूप से कुछ उपाय अपनाकर शहर को भविष्य में देश में प्रथम स्थान पर लाया जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह उपाय किए जाने चाहिए

    -बड़े सरकारी व निजी निर्माण स्थलों पर एयर पोल्यूशन सेंसर लगाए जाएं, जिससे कि वायु प्रदूषण का रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो।

    -निर्माण स्थलों पर धूल उड़ने से रोकने के उचित इंतजाम किए जाएं। पानी का छिड़काव किया जाए या फव्वारे लगाए जाएं, जिससे धूल नहीं उड़े।

    -जगह-जगह कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट पड़ा रहता है। कंस्ट्रक्शन वेस्ट को ढककर रखा जाए और डिमोलिशन वेस्ट को तुरंत हटाया जाए।

    -दिल्ली में हरियाली इसलिए अधिक नजर आती है, क्योंकि वहां सड़कों पर अधिक पेड़ लगे हैं। आगरा में सड़कों पर पौधारोपण किया जाए।

    -शहर में एक बेहतर और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था विकसित की जानी चाहिए, जिससे कि जाम की समस्या का निदान हो।

    -दिल्ली की तरह आगरा की सड़कों पर पानी का नियमित अंतराल पर छिड़काव किया जाना चाहिए। इससे वाहनों के गुजरने पर धूल कम उड़ेगी।

    -शहर में लकड़ी व कोयला जलाए जाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। शहर में मजदूर लकड़ी बीनकर जलाते हैं।

    -आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशनों की लोकेशन पर विचार किया जाना चाहिए। नगर निगम की छत पर स्टेशन लगाए जाने के बजाय चौराहे पर स्टेशन लगाया जाए।

    -परंपरागत विधि के स्थान पर अधिक से अधिक मशीनों से सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए।

    -नए मास्टर प्लान एवं ज़ोनल प्लान में नई सड़कों और योजनाबद्ध मार्गों का विकास किया जाना चाहिए, जिससे पुरानी सड़कों पर यातायात का दबाव कम हो सके।

    -उत्तरी बाइपास को शीघ्रताशीघ्र चालू कराया जाए, जिससे कि वाहन शहर के बाहर होकर ही गुजर जाएं। उनके शहर में आने से वायु प्रदूषण नहीं हो।