दिवाली पर रखें सेहत का ख्याल: अस्थमा रोगियों की उखड़ सकती है सांस, मीठा ना खाएं मधुमेह रोगी
दीपावली पर वायु प्रदूषण बढ़ने से सांस के रोगियों को परेशानी हो सकती है। डॉक्टरों ने उन्हें घर के अंदर रहने और मास्क पहनने की सलाह दी है। मधुमेह रोगियों को मिठाई से परहेज करने और गर्भवती महिलाओं को खानपान पर ध्यान देने को कहा गया है। आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस सेवाओं का उपयोग करने और अस्पतालों में अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।

प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है, ऐसे में दीपावली पर बम पटाखों से सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की सांस उखड़ सकती है। वहीं, दीपावली पर मधुमेह रोगियों को मिठाई ज्यादा खाने से भी परेशानी हो सकती है। गर्भवती भी विशेष सावधानी बरतें।
बम पटाखों के प्रदूषण और तेज आवाज से हो सकती है परेशानी
मौसम बदलने से वायरल संक्रमण के साथ ही प्रदूषक तत्वों के निचले स्तर पर रहने से अस्थमा, टीबी सहित सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को परेशानी होने लगी है। एसएन मेडिकल कालेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डा. संतोष कुमार ने बताया कि दीपावली पर सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीज रात के समय घर के अंदर ही रहें, वायु प्रदूषण ज्यादा होने पर मास्क का इस्तेमाल करें। डाक्टर से परामर्श लेकर इन्हेलर की डोज भी बढ़वा सकते हैं।
हृदय रोगी और गर्भवती को भी खतरा
एसएन मेडिकल कालेज की डॉ. रिचा सिंह ने बताया कि गर्भवती अपने खान पान का ध्यान रखें। तेज आवाज और प्रदूषण से बचें। फिजीशियन डा. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि जिन मरीजों का दवाएं लेने के बाद भी शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं है वे मीठा ना खाएं। ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं, मधुमेह और ह्रदय रोगी चिकनाई युक्त भोजन का सेवन करने से बचें।
निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा की ले सकते हैं मदद
दीपावली पर तबीयत बिगड़ने पर निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा के लिए 108 पर संपर्क कर सकते हैं। गर्भवती को कोई परेशानी होने पर 102 निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा की मदद से सकते हैं।
ये करें
- बम पटाखे मोमबत्ती जलाकर चलाएं, बच्चों को अपनी देखरेख में पटाखे चलवाएं
- अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीज बम पटाखे चलते समय घर के अंदर रहें, मास्क भी लगा सकते हैं
- मधुमेह और हृदय रोगी चिकनाई युक्त भोजन और ज्यादा मिठाई खाने से बचें
- जल जाने पर हाथ पर 10 मिनट तक सादा पानी डालें
- जले हुए हिस्से पर टूथपेस्ट ना लगाएं
सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की लगाई गई अतिरिक्त ड्यूटी
सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जिला अस्पताल के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को 24 घंटे इलाज मिलेगा। मरीजों को प्राथमिक उपचार देने के बाद एसएन मेडिकल कालेज रेफर किया जाएगा। एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी में प्लास्टिक सर्जन, ईएनटी, नेत्र रोग विशेषज्ञ, मेडिसिन, सर्जन और एनेस्थीसिया विभाग के डाक्टरों की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई है। जले हुए मरीजों को 30 बेड की बर्न यूनिट में भर्ती किया जाएगा। इसमें आइसीयू की भी सुविधा भी है।
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