Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खाकी पेंट, काले जूते और हरियाणा पुलिस का आईकार्ड... यूपी के थानों में रुककर चोरी करता था बर्खास्त सिपाही

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 09:49 AM (IST)

    आगरा के ट्रांस यमुना थाने से हरियाणा पुलिस के एक बर्खास्त सिपाही ने मुंशी का पर्स चुरा लिया। पर्स में लिखे पिन की मदद से उसने डेबिट कार्ड से 45 हजार रुपये निकाले। सीसीटीवी फुटेज से पहचान होने के बाद आरोपित को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह खुद को सिपाही बताकर थानों में रुकता था और चोरी करता था।

    Hero Image

    आरोपित की फोटो।

    जागरण संवाददाता, आगरा। ट्रांस यमुना थाना परिसर में स्थित सरकारी आवास से मुंशी का पर्स हरियाणा पुलिस के बर्खास्त सिपाही ने चोरी किया था। पर्स में डेबिट कार्ड के साथ ही पर्ची पर लिखा हुआ पिन उसे मिल गया। इसके बाद उसने एटीएम पर जाकर 45 हजार रुपये निकाल लिए। पर्स व उसमें रखे कागजों को झरना नाले के पास फेंक दिया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीसीटीवी फुटेज से आरोपित की शिनाख्त करने के बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। बर्खास्त सिपाही को हरियाणा से गिरफ्तार किया है। खुद को सिपाही बताकर वह थानों में ठहरता था और फिर वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाता था।

     

    पर्स में पर्ची पर लिखे पिन की मदद से डेबिट कार्ड से निकाले थे 45 हजार रुपये

     

    आरक्षी कुशल पाल चौधरी ट्रांस यमुना थाने में मुंशी हैं, रात्रि ड्यूटी के बाद सात सितंबर की सुबह आठ बजे वह थाने की पहली मंजिल पर बने सरकारी आवास में आराम करने चले गए। वर्दी को उतारकर उन्होंने कमरे में टांग दिया था। दोपहर में जागने पर पता चला कि पेंट की जेब में रखा पर्स व पांच हजार रुपये गायब थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपित की पहचान वजीर सिंह निवासी बम्बोलिया, थाना सालवास, जिला रेवाड़ी हरियाणा के रूप में हुई है।

     

    सीसीटीवी से शिनाख्त के बाद हरियाणा से पुलिस ने आरोपित को किया गिरफ्तार

     

    एसीपी छत्ता शेषमणि उपाध्याय ने बताया कि वजीर सिंह वर्तमान में हरियाणा के जिला रेवाड़ी के कोसली में रह रहा था। शनिवार रात वहां दबिश देकर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वर्ष 2001 में प्रादेशिक सेना में भर्ती हुआ था, 2006 में उसे हटा दिया था। वर्ष 2007 में वह हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हो गया। इसके बाद हरियाणा पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर युवाओं ने लाखों रुपये वसूल लिए।

    अधिकारियों को जानकारी होने पर वर्ष 2017 में सिपाही के पद से बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।


    खुद को हरियाणा का सिपाही बताकर थानों की बैरक में रुकता था

     

    पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उत्तर प्रदेश के थानों में खाकी पेंट, काले जूते और हरियाणा पुलिस का आकार्ड लेकर पहुंचता था। खुद को हरियाणा पुलिस का सिपाही बताकर दबिश पर आने की बात कहकर थाने की बैरक में रुक जाता था। इसके बाद पुलिसकर्मियों के सामान व नकदी चोरी कर लेता था। उसने चोरी की कई अन्य वारदात स्वीकार की हैं। आरोपित के पास से तीन हजार रुपये नकद, मुंशी कुशलपाल का आइकार्ड व अन्य कागजात बरामद किए हैं।