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    Taj Mahal: खतरे में ताजमहल का खूबसूरत व्यू... बाहर लगी रही सील, पूर्व पार्षद ने टिन शेड की आड़ में खड़ी कर दी इमारत

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 11:16 AM (IST)

    ताजमहल के 150 मीटर के दायरे में अवैध निर्माण जारी है ताज की सुंदरता खतरे में है। एएसआई की शिकायत के बावजूद पुलिस और एडीए की मिलीभगत से पूर्व पार्षद द्वारा दो मंजिला इमारत का निर्माण किया गया। पिछले सात सालों में 248 अवैध निर्माण हुए हैं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पर्यावरणविदों ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाने की बात कही है।

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    ताज की सुंदरता खतरे में आगरा में अवैध निर्माण जारी।

    निर्लोष कुमार, आगरा। सुप्रीम कोर्ट की हर सप्ताह मॉनिटरिंग। ताज की खूबसूरती और सुरक्षा के लिए लगातार आदेश। परंतु इसके बाद भी ताज खतरे में है। उसके फोटो व्यू बिगड़ रहे हैं। ताज के आसपास से लेकर उसके पास स्थित हरित क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर निर्माण हो रहे हैं कि शायद भविष्य में पर्यटक सवाल करेंगे कि ताज की देखरेख कौन करता है।

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    अवैध निर्माण रोकने वाली अथार्टी चुप बैठी हैं। वहां या तो किसी अवैध निर्माण पर कार्रवाई होती ही नहीं है या सील की आड़ में अंदर ही अंदर काम पूरा हो जाता है। ताज से 150 मीटर की दूरी पर स्थित एक व्यावसायिक निर्माण पर लगी सील के अंदर ही 27 दिन में दो मंजिल तक के लिंटर डाल दिए गए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) थाने और कमिश्नर तक शिकायत कर बैठ गया।

    पुलिस अंदर ही अंदर काम करा रही है और ए़डीए के बड़े इंजीनियरों को भी सब पता है लेकिन वह भी चुप्पी साधे हैं। आखिर मामला भाजपा के नेता से जुड़ा है। वैसे सात साल में 248 अवैध निर्माण हो चुके हैं।

    ताज की 500 मीटर की परिधि में किसी भी तरह के नए निर्माण पर प्रतिबंध

    ताज की 500 मीटर की परिधि में किसी भी तरह के नए निर्माण पर प्रतिबंध है। यदि कहीं आवश्यकता होगी तो सुप्रीम कोर्ट केस-टू-केस अनुमति देने के आदेश कर चुका है। परंतु ताजगंज तांगा स्टैंड के पास पूर्व पार्षद सुनील राठौर ने 2021 में पुराने भवन को तोड़कर काम शुरू कराया गया था। एएसआई ने ताजगंज थाना में तहरीर देकर काम रुकवा दिया। इसके बावजूद वर्ष 2023 में रातोंरात आइरन फ्रेमवर्क पर टीन डाल दी गई। एएसआई ने फिर तहरीर दी। एडीए ने तब निर्माण को सील करा दिया।

    दो वर्ष में मामला ठंडा होने के बाद फिर काम शुरू

    अब दो वर्ष में मामला ठंडा होने के बाद ताजगंज थाना पुलिस के साथ साठगांठ कर बंद सील में ही फिर से काम शुरू करा दिया गया। निर्माण करवा रहे पूर्व पार्षद सुनील राठौर के खिलाफ सात अगस्त को एएसआई ने तीसरी तहरीर दी। मंडलायुक्त, डीएम और एडीए को भी शिकायत भेजी, लेकिन तीनों ही जगह इसे दबा दिया गया।

    पूर्व पार्षद ने 23 दिन में आरसीसी पिलर तैयार कर भूतल व प्रथम तल पर लेंटर डाल दिया गया। पुलिस और एडीए इंजीनियरों की मिलीभगत से चल रहे अवैध निर्माण में अब भी काम जोरों पर चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि एडीए के एक इंजीनियर ने काम कराने की गारंटी ली है। उन्होंने शिकायत होने पर संबंधित को फोन किया कि काम जल्दी कर लो।

    ग्रीन बेलट में भी जमकर हो रहे अवैध निर्माण

    वहीं ताज महल में शिल्पग्राम के सामने धांधूपुरा की ग्रीन बेल्ट में भी जमकर अवैध निर्माण हो रहे हैं। वहां सितारा होटल तक बन रहे हैं। पर्यावरणविद् डॉ. शरद गुप्ता कहते हैं कि प्राधिकरण की अवैध वसूली के चलते इनका निर्माण संभव नहीं है। वह कहते हैं कि जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट रूप से कह चुका है कि यदि किसी को निर्माण करना है तो हर केस को वह स्वयं मेरिट देखकर तय करेगा। वह

    इस क्षेत्र में एक होटल के नक्शे को जिला पंचायत अध्यक्ष की ओर से निर्माण की अनुमति पर भी आश्चर्य व्यक्त करते हैं। वह आगामी सुनवाई में इसे सुप्रीम कोर्ट में ले जाएंगे। वह प्राधिकरण की ओर से सीलिंग पर भी प्रश्न उठाते हैं। आखिर कोई निर्माण कितने समय तक सील रहेगा। जब यह अवैध हैं तोड़े जाने चाहिए।

    सात साल में 248 अवैध निर्माण

    एएसआई आगरा सर्किल के ताजमहल उपमंडल में नौ वर्षों में 248 अवैध निर्माण हुए हैं। वर्ष 2015 से 2024 की अवधि में हुए अवैध निर्माण रुकवाने को एएसआई ने तहरीर देकर पल्ला झाड़ लिया। 107 अवैध निर्माण ध्वस्त करने को एएसआई के महानिदेशक के कार्यालय से आदेश जारी हुए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    एएसआई के महानिदेशक तक पहुंचा है मामला

    अवैध निर्माण को लेकर ताज पूर्वी गेट व्यापारी समिति की ओर से महासचिव आयुष गुप्ता ने सात अगस्त को दिल्ली में एएसआई के महानिदेशक यदुवीर सिंह रावत से मुलाकात कर शिकायत की। इसके बाद एएसआई ने तहरीर दी, लेकिन काम रुका ही नहीं। वरिष्ठ संरक्षण सहायक ताजमहल प्रिंस वाजपेयी कहते हैं कार्रवाई का अधिकार हमारे पास नहीं है।

    यह हैं जिम्मेदार

    आगरा विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन अधिकारी आरआरपी सिंह, सहायक अभियंता रमन कुमार, अवर अभियंता प्रमोद कुमार, गिरीश कुमार पांडेय।

    अवैध निर्माण को सील किए जाने का आदेश हो चुका है। शीघ्र ही निर्माण को सील करा दिया जाएगा। आरआरपी सिंह, प्रभारी प्रवर्तन व मुख्य अभियंता एडीए