रिफाइंड, पामोलिन और केमिकल से बना रहे थे नकली दूध, राजस्थान एमपी में सप्लाई; आगरा में कार्रवाई
आगरा के खेरागढ़ में नकली दूध बनाने का पर्दाफाश हुआ। एक डेयरी में रिफाइंड, पामोलिन और केमिकल मिलाकर दूध बनाया जा रहा था, जिसे आगरा समेत राजस्थान और मध्य प्रदेश में सप्लाई किया जा रहा था। खाद्य विभाग ने डेयरी पर छापा मारकर 5300 लीटर केमिकल युक्त दूध जब्त किया और नष्ट कर दिया। डेयरी मालिक समेत दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मिलावटी दूध का कारोबार दो साल से चल रहा था।

सांकेतिक तस्वीर।
संसू, जागरण-खेरागढ़! सावधान। आगरा के खेरागढ़ में नकली दूध तैयार करने के खेल का पर्दाफाश हुआ है। डेरी में बड़ी मात्रा में रिफाइंड, पामोलिन और केमिकल मिलाकर दूध तैयार हो रहा था। दो साल से तैयार हो रहे इस मिलावटी दूध की सप्लाई आगरा के साथ ही राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी की जा रही थी।
डीएम के निर्देश पर खाद्य विभाग व औषधि विभाग की टीम ने रविवार रात बसई नबाब रोड पर स्थित एक डेरी पर छापा मारा। टीम ने मौके से 5300 लीटर केमिकल युक्त दूध पकड़ा। नमूना संकलन के बाद उसे नष्ट कराया। डेरी संचालक समेत दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
टीम ने दस नमूने कब्जे में लिए, डेयरी में मिला 05 लाख 27 हजार कीमत का सामान सील
सहायक आयुक्त खाद्य विभाग महेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में रात करीब 11. 40 बजे बसई नबाब रोड पर स्थित बजरंग डेरी पर रविवार को खाद्य विभाग की टीम पहुंची। टीम को दूध को तैयार होते हुए मिला। दूध के सैंपल को लेकर करीब 5300 लीटर दूध नष्ट कराया। मौके पर कुल दस नमूने को कब्जे में लिया। डेयरी पर मिले 05 लाख 27 हजार कीमत के सामान को सील किया गया है।
दो साल से चल रहा था खेल, आगरा के साथ ही राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी हो रही थी सप्लाई
सहायक आयुक्त खाद्य महेंद्र श्रीवास्तव की तहरीर पर खेरागढ़ थाने में डेरी मालिक मुरैना निवासी प्रमोद शर्मा व कारोबार को संचालित कर रहे मुरैना निवासी पवन शर्मा के खिलाफ खाद्य पेय में मिलावट कर बेचने और धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। मौके से 18 बैग स्किम्ड मिल्क पाउडर, 70 टिन रिफाइंड पामोलिन ऑयल, 36 टिन वनस्पति और पांच ड्रम सार्वीटोल जब्त किया गया है।
डेरी संचालक यह दूध तैयार कर आगरा व आस पास के गांवों में दूधिया के जरिए सस्ते दामों में बेचते हैं। यह दूध उन्हें 30 से 35 रुपये प्रति लीटर देते थे। इसके बाद दूधिया इस मिलावटी दूध को 45 से 50 रुपये प्रति लीटर बेचते थे। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि दो साल से डेरी में मिलावटी दूध का खेल चल रहा था। नकली दूध को तैयार करने के लिए जिस पदार्थ व केमिकल का इस्तेमाल होता है, वह उसे आगरा व मध्य प्रदेश से लाते थे।
एसीपी खेरागढ़ प्रीता दुबे ने बताया कि तहरीर के अनुसार मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपितों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है।
खुद भी कर सकते है मिलावटी दूध की पहचान
सहायक आयुक्त खाद्य महेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मिलावटी दूध की पहचान करने के लिए आप उसकी सुगंध, स्वाद और रंग देख सकते हैं।
जांच के लिए कुछ आसान तरीके हैं
दूध को थोड़ा गर्म करके देखें, अगर यह तुरंत फट जाता है तो शुद्ध है, और अगर नहीं तो मिलावटी है। दूध को बोतल में भरकर हिलाएं; अगर देर तक झाग बना रहे तो डिटर्जेंट मिला हो सकता है। कुछ बूंदें प्लास्टर या नाखून पर गिराएं; अगर सफेद दाग बने तो शुद्ध है।
गंभीर धाराओं में लिखा गया मुकदमा
धारा, विवरण, सजा
274 बीएनएस- बिक्री के लिए खाद्य पेय में मिलावट - छह माह की कैद या पांच हजार रुपये जुर्माना
275 बीएनएस- खाने के लिए हानिकारक चीज बेचना- छह माह की कैद या पांच हजार रुपये जुर्माना
318 (4)- धोखाधड़ी और बेईमानी- 10 वर्ष कैद

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