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    दस्तावेज और चाबियां नहीं सौंपी, आगरा काॅलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज

    By Neelesh Kumar Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 01:10 PM (IST)

    आगरा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. अनुराग शुक्ला पर वर्तमान प्राचार्य डॉ. सीके गौतम ने  मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि डॉ. शुक्ला ने पद से हटने के बाद भी कॉलेज के महत्वपूर्ण दस्तावेज और चाबियां नहीं सौंपी हैं। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

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    आगरा कॉलेज।

    जागरण संवाददाता, आगरा। आगरा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डा. अनुराग शुक्ला अब कॉलेज के महत्वपूर्ण अभिलेख, अलमारियों की चाबियां व प्राचार्य निवास के दस्तावेज़ अवैध रूप से अपने कब्जे में रखने व चार्ज न सौंपने के मामले में फंस गए हैं।

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    कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मुकदमा दर्ज कराने को वर्तमान प्राचार्य डॉ. सीके गौतम ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था।

    आगरा कॉलेज के प्राचार्य पद को लेकर वर्तमान प्राचार्य डॉ. सीके गौतम व पूर्व प्राचार्य डॉ. अनुराग शुक्ला के खिलाफ विवाद चल रहा है। वर्तमान प्राचार्य ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था।

    कोर्ट के आदेश के बाद लोहामंडी थाने में डॉ. अनुराग शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमे में कहा गया है कि वर्ष 2024 में चयन आयोग ने डॉ. अनुराग शुक्ला की प्राचार्य नियुक्ति को शून्य घोषित कर दिया गया था।

    इसके बाद निदेशक उच्च शिक्षा ने उन्हें पद से मुक्त करने की संस्तुति की। प्रबंध समिति ने वरिष्ठता के आधार पर डॉ. आरके श्रीवास्तव को कार्यवाहक प्राचार्य नियुक्त किया था। मार्च 2025 में प्राचार्य डॉ. सीके गौतम ने कार्यभार ग्रहण किया।

    आरोप है कि प्राचार्य पद से मुक्त होने के बावजूद डॉ. अनुराग शुक्ला द्वारा प्रभार हस्तांतरण नहीं किया गया।

    प्रबंध समिति द्वारा गठित समिति ने प्राचार्य कार्यालय, कैंप कार्यालय और प्राचार्य निवास में मौजूद अलमारियों व दस्तावेज़ों की सूची तैयार की, जिनमें कई आवश्यक अभिलेख नहीं मिले।

    पूर्व प्राचार्य को कई बार लिखित रूप से सूचित किया गया, लेकिन न तो उन्होंने कॉलेज के अभिलेख सौंपे और न ही चाबियां दीं। इससे कालेज के प्रशासनिक कार्य प्रभावित हुए।

    डॉ. सीके गौतम का कहना है कि उन्होंने थाना लोहामंडी, डीसीपी व पुलिस कमिश्नर से शिकायत की, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।

    पूर्व प्राचार्य डॉ. अनुराग शुक्ला से उनके मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। वाट्सएप पर संदेश दिया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।