पांच वर्षीय बच्ची से रेप−हत्या में दो युवकों को फांसी की सजा, शव देखकर कांप गई थी रूह
आगरा में, एक विशेष अदालत ने पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। पॉक्सो एक्ट के तहत न्यायाधीश सोनिका चौधरी ने अमित और निखिल को दोषी पाया। अदालत ने इस अपराध को जघन्य माना। सजा सुनाए जाने के बाद, अदालत परिसर में भीड़ जमा हो गई, और पीड़ित परिवार ने संतोष व्यक्त किया।

अमित और निखिल को दुष्कर्म में फांसी की सजा मिलने के बाद जेल लेकर जाती पुलिस
अविनाश जायसवाल, आगरा। बाह में डेढ़ वर्ष पूर्व रिश्ते के चाचा ने दोस्त के साथ मिलकर घर के बाहर खेल रही पांच वर्षीय बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या और परिवार से छह लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। मामले में न्यायालय ने चाचा और उसके साथी को दोषी माना है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी ने बाह के फरेरा निवासी अमित और होलीपुरा के निखिल को फांसी की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अपराध को जघन्य और घृणित माना है।
बता दें कि 18 माह पूर्व 18 मार्च 2024 में बाह थाना क्षेत्र के एक गांव में घर के बाहर खेल रही बालिका को उसके रिश्ते के चाचा अमित और उसका साथी निखिल बहला कर बाइक पर बिठा कर ले गए। हैवानियत की पराकाष्ठा पार करते हुए वासना का शिकार बनाया। राक्षसों की तरह बालिका के शरीर को नोचते हुए प्राकृतिक और अप्राकृतिक तरीके से दुष्कर्म किया। बच्ची को यातनाएं देते हुए उसकी हत्या कर शव छिपा दिया।
फिरौती मांगने पर खुला राज
मामले को दूसरी दिशा देने को आरोपितों ने 19 मार्च को एक मोबाइल नंबर से बालिका के पिता को कॉल कर छह लाख की फिरौती मांगी। इसके बाद पिता ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपितों को 20 मार्च को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों की निशानदेही पर शव को बरामद किया।
शव देखकर कांप गई रूह
बालिका का शव देखकर गांव के लोगों के साथ पुलिसकर्मियों की भी रूह कांप गई। उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म और कुकर्म दोनों किया गया था। शरीर के हर हिस्से पर चोटों के निशान थे। पुलिस ने मजबूत साक्ष्यों के साथ एक माह के अंदर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी थी। न्यायालय ने तत्काल मुकदमे की सुनवाई शुरू कर दी थी। एडीजीसी सुभाष गिरी ने मामले में 18 गवाहों के बयान कराए और साक्ष्यों के साथ मजबूत तर्क दिए। इसके आधार पर न्यायालय ने जघन्य अपराध पर अपना फैसला सुनाया। फैसला सुनते ही आरोपित न्यायालय में दहाड़े मारकर रोने हुए माफी मांगने लगे। उनकी यह हालत देख बालिका के परिवार वालों ने न्यायालय का आभार जताया।
बीते वर्ष भी आज के ही दिन सुनाई थी सजा
एडीजीसी सुभाष गिरी ने बताया कि न्यायाधीश सोनिका चौधरी ने बीते वर्ष 2024 में भी 15 अक्टूबर को एक दुष्कर्मी को फांसी की सजा सुनाई थी। इस वर्ष भी आज ही के दिन सजा सुनाकर दुष्कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का बड़ा संदेश दिया है।
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