Agra Flood: 5 तहसीलों के 63 गांवों और 32 कॉलोनियों में बाढ़ से बिगड़े हालात, एक की मौत
आगरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांव और कॉलोनियाँ बाढ़ से प्रभावित हैं। गोकुल बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण वर्ष 1978 के बाद पहली बार जलस्तर 152.72 मीटर तक पहुँच गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। मेहरा नाहरगंज गांव में एक युवक की डूबने से मौत हो गई है।

जागरण संवाददाता, आगरा। गोकुल बैराज से लगातार पानी छोड़ने के चलते आगरा में यमुना नदी बेकाबू होती जा रही है। सोमवार को पांच तहसीलों (खेरागढ़ को छोड़कर) के 63 गांवों और 32 कालोनियों में पानी घुसा गया। इसमें कैलाश, दयालबाग, बल्केश्वर, बेलनगंज, यमुना किनारा रोड प्रमुख रूप से शामिल है।
वर्ष 1978 के बाद पहली बार नदी का जलस्तर 152.72 मीटर पर पहुंच गया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के साथ 70 अधिकारियों और 400 कर्मचारियों को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है। मकानों को खाली कराकर राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है।
तीन दोस्त डूब गए, एक की मौत
मेहरा नाहरगंज गांव में दोपहर ढाई बजे बाढ़ में तीन दोस्त डूब गए। दो दोस्त किसी तरीके से बाहर निकल आ लेकिन गढ़ी रामफल के रविंद्र कुमार बाहर नहीं आ सके और उनकी मौत हो गई। वहीं शहरी क्षेत्र में नालों के बैक मारने से यमुना किनारा रोड स्थित हाथीघाट में पानी भर गया। स्ट्रैची ब्रिज के नीचे भी पानी आ गया। बल्केश्वर स्थित महालक्ष्मी मंदिर की दीवार गिरने से छह श्रद्धालु चोटिल हो गए। जलस्तर 153 मीटर तक पहुंच सकता है।
वर्ष 1978 के बाद सबसे अधिक 152.74 मीटर पर पहुंचा जलस्तर
हथिनीकुंड बैराज, सहारनपुर से यमुना में पानी छोड़ना कम हो गया है। गोकुल बैराज, मथुरा पानी का डिस्चार्ज तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार सुबह से लेकर शाम तक 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। इसके चलते कैलाश तहसील सदर के कैलाश गांव व कैलाश मंदिर, अरतौनी, बाईंपुर, खासपुर गांव, मनोहरपुर सहित 17 गांवों, अमर विहार पुलिस चौकी के पास, तनिष्क राजश्री गार्डन, मां गौरी टाउन, बेलनगंज स्थित हरीमोहन श्रोत्रिय मार्ग सहित 32 कॉलोनियों में पानी भर गया।
एनडीआरएफ व एसडीआरएफ संग युद्धस्तर पर चल रहा बचाव एवं राहत कार्य
ट्रैक्टरों और नावों में सवार होकर एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला, एसडीएम सदर सचिन राजपूत सहित अन्य अधिकारी पहुंचे। मुनादी कराकर लोगों को घरों से बाहर निकाल कर राहत शिविरों में पहुंचाया गया। अन्य दिनों की तुलना में जलस्तर तेजी से बढ़ता रहा।
फतेहाबाद तहसील के कांगर, नर सहित चार गांव, बाह तहसील के बटेश्वर गांव व मंदिर, मई, सोंका, कोका सहित 24 गांव, एत्मादपुर तहसील के खंदौली रोड सहित नौ गांव, किरावली तहसील के पांच गांव शामिल हैं। शाम तक नदी का जलस्तर 152.74 मीटर पर पहुंच गया।
नालों के बैक मारने से भरा यमुना किनारा रोड पर पानी
जलस्तर बढ़ने से नालों ने बैक मारना शुरू कर दिया। नदी के 500 से 700 मीटर के दायरे की कालोनियों और क्षेत्रों की सड़कों और गलियों में पानी भर गया। वहीं गढ़ी रामफल के दीपक कुमार, रविंद्र कुमार और कुंडौल के सुनील कुमार मेहरा नाहरगंज में यमुना में नहाने गए थे। बाढ़ के चलते रास्ते में पानी भरा था। तीनों लोग डूबने लगे। दीपक और सुनील बचकर निकल आए। रविंद्र डूब गए। शोर मचाने पर लोग एकत्रित हुए और रविंद्र को अस्पताल लेकर गए तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
यह हैं प्रमुख कॉलोनियां
तनिष्क राजश्री गार्डन, मां गौरी टाउन, मनोहरपुर, अनुराग नगर, मां लक्ष्मी देवी बल्केश्वर रोड, सीताराम कालोनी, कृष्णा कालोनी, शंभूनगर, ताजगंज, मोती महल, घाट बजरिया, फाउंड्रीनगर, नगला बिहारी के आसपास की 10 कालोनियां, अमर विहार पुलिस चौकी के आसपास, नगला बूढ़ी के पास की छह कालोनियां, मऊ रोड की चार बस्तियां, बेलनगंज स्थित हरीमोहन श्रोत्रिय मार्ग।
तहसील सदर के बाढ़ प्रभावित गांव
कैलाश, बाईंपुर, अरतौनी, दयालबाग, खासपुर, सिकंदरपुर, बुढ़ाना, एत्मादपुर मदरा, समोगर, नूरपुर, तनौरा, मेहरा नाहरगंज, बरौली गूजर, ठार किशन सिंह, ठार रामपुर, बुर्ज, करमना।
नदी से बनाकर रखें दूरी
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी का कहना है कि लोगों को यमुना नदी से दूरी बनाए रखने की अपील की गई है। जिन गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैं। अधिकारियों की टीम लगातार गांवों का निरीक्षण कर रही है।
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