अलीगढ़: 191 करोड़ के 12 प्रस्ताव अटके, कृषि भूमि उपयोग में फंसा निवेश
अलीगढ़ में पर्यटन से जुड़े 191 करोड़ के 12 निवेश प्रस्ताव भूमि उपयोग की वजह से अटके हैं। निवेशकों के पास कृषि भूमि है, पर नियमों के अनुसार निर्माण नहीं हो सकता। सरकार निवेशकों को प्रोत्साहन दे रही है, लेकिन कृषि भूमि होने से समस्या आ रही है। समाधान के लिए शासन को पत्र लिखा गया है, ताकि पर्यटन इकाइयों को कृषि भूमि पर स्थापित करने की अनुमति मिल सके और निवेश को बढ़ावा मिले।

प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। जिले में पर्यटन विकास से जुड़े 12 बड़े निवेश प्रस्ताव महज भूमि के भू उपयोग के फेर में अटके हुए हैं। करीब 191 करोड़ रुपये के ये प्रस्ताव अलीगढ़ में होटल, रिजार्ट व अन्य पर्यटन इकाइयों की स्थापना के लिए आए हैं, लेकिन अधिकांश निवेशकों के पास कृषि भू उपयोग की भूमि होने के कारण उन्हें अनुमति नहीं मिल पा रही है।
विकास प्राधिकरण के नियमों के अनुसार अभी केवल सामुदायिक सुविधा व व्यावसायिक भू उपयोग में ही ऐसे निर्माण अनुमन्य हैं, जबकि आवासीय में भी यह सीमित शर्तों के साथ संभव है।
कृषि भू उपयोग होने के चलते निवेशकों को नहीं मिल पा रही इनकी मंजूरी
योगी सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए पिछले आठ वर्षों से लगातार प्रयासरत है। निवेशकों को कर छूट, सब्सिडी व भूमि आवंटन में दी जा रही सहूलियतों से रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। हर वर्ष आयोजित होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआइएस) के माध्यम से जिले में भी करोड़ों रुपये के निवेश प्रस्ताव आते हैं।
निवेशकों के पास रिजार्ट, होटल व अन्य निर्माण को उपलब्ध है कृषि भूमि
पिछली समिट में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े 20 से अधिक प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनमें कुछ परियोजनाओं की स्थापना हो चुकी है, जबकि 12 प्रस्ताव अब भी भू उपयोग की बाध्यता में फंसे हुए हैं। इन निवेशकों ने 191 करोड़ रुपये की लागत से होटल, रिजार्ट व अन्य पर्यटन भवनों का निर्माण प्रस्तावित किया है। मगर उनकी भूमि एडीए की महायोजना-2031 में कृषि उपयोग की श्रेणी में दर्ज है। ऐसे में यह निवेशक चाहकर भी निर्माण कार्य शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इनके बनने से लेागों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेंगे।
शासन में लिखा है पत्र
इसी समस्या के समाधान के लिए डीएम संजीव रंजन के निर्देश पर पिछले दिनों जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र की ओर से इंवेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को एक पत्र भेजा गया है। इसमें मांग की गई है कि पर्यटन से जुड़ी इकाइयों को कृषि भूमि पर भी स्थापित करने की अनुमति दी जाए।
विभाग का तर्क है कि इससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा। जिले में पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। पत्र में यह भी कहा गया है कि जैसे औद्योगिक इकाइयों को कृषि भूमि पर स्थापित करने की छूट दी गई है, वैसे ही पर्यटन इकाइयों को भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। इससे निवेश को गति मिलने के साथ स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
इस तरह स्वीकृत होते हैं नक्शे
शहर के सुनियोजित विकास की जिम्मेदारी अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) की होती है। इसके लिए महायोजना तैयार की जाती है, जिसमें प्रत्येक क्षेत्र का भू उपयोग (लैंड यूज) निर्धारित होता है। पहले महायोजना 20 वर्षों के लिए बनाई जाती थी, लेकिन हाल में इसे 10 वर्षों की अवधि के लिए तैयार किया गया है। फिलहाल महायोजना 2031 लागू है। इसमें नगर निगम क्षेत्र सहित कुल 10 निकायों व 600 से अधिक गांवों को शामिल किया गया है। इसका कुल क्षेत्रफल 9762 हेक्टेयर है।
शासन के नियमों के तहत कृषि भूमि पर नहीं किया जा सकता निर्माण
शासन स्तर पर जारी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अनुसार इसी भू उपयोग के आधार पर मानचित्र स्वीकृत किए जाते हैं। हाल ही में शासन ने भवन निर्माण उपविधि-2025 लागू की है, जिसमें कई प्रावधानों में संशोधन किए गए हैं। इसमें आवासीय भू उपयोग में सीमित स्तर तक व्यावसायिक निर्माण की अनुमति दी गई है, लेकिन कृषि भू उपयोग में अब भी होटल, रिजार्ट या पर्यटन भवनों के निर्माण की अनुमति नहीं है। फिलहाल इनका निर्माण केवल व्यावसायिक या सामुदायिक सेवा श्रेणी पर ही है।

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