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    गजब! 6 साल के बच्चे का शांतिभंग में काट दिया चालान, यूपी में आरोपी दारोगा सस्पेंड

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 01:01 PM (IST)

    अलीगढ़ में एक दारोगा को छह साल के बच्चे के नाम पर चालान करने के मामले में निलंबित कर दिया गया है। दारोगा पर आरोप है कि उसने खुद मौके पर न जाकर सिपाही को भेजा और उसके द्वारा बताए गए नाम और उम्र को दर्ज कर लिया। न्यायालय ने बच्चे को शांति भंग करने की आशंका में एक लाख रुपये के मुचलके पर पाबंद किया था। अब मुचलका निरस्तीकरण की रिपोर्ट पेश की जाएगी।

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    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। छह वर्ष के बालक का नाम दर्ज कर चालानी कार्रवाई करने के मामले में आरोपित दारोगा को एसएसपी नीरज कुमार जादौन ने निलंबित कर दिया है। दारोगा ने नियम का उल्लंघन करते हुए खुद न जाकर सिपाही को रिपोर्ट तैयार करने भेज दिया था और उसके द्वारा बताए गए नाम व उम्र को दर्ज कर लिया।

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    अब पुलिस की ओर से मुचलका निरस्तीकरण की रिपोर्ट एसीएम द्वितीय के न्यायालय में पेश की है, जिस पर शुक्रवार को निरस्तीकरण का निर्णय लिया जाएगा।

    मामला महानगर के क्वार्सी क्षेत्र के राजीव नगर का है। यहां के दो लोगों में मकान का दरवाजा लगाने को लेकर विवाद हो गया था। पुलिस ने दोनों पक्षों से शांतिभंग की आशंका जताते हुए रिपोर्ट तैयार कर दी। यह रिपोर्ट भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 126 व 135 के तहत न्यायालय में दाखिल की गई।

    इसमें दारोगा द्वारा लापरवाही बरतते हुए रिपोर्ट में कक्षा एक के छात्र का नाम शामिल कर दिया। चालान रिपोर्ट में भी उस छह वर्षीय बालक की उम्र 40 वर्ष दर्शा दी गई। इसका सत्यापन भी नहीं किया। इस रिपोर्ट के आधार पर एसीएम द्वितीय के न्यायालय ने 10 अक्टूबर को आदेश जारी कर बच्चे को शांति व्यवस्था भंग करने की आशंका में एक लाख रुपये के मुचलके पर पाबंद कर दिया।

    इसके बाद 30 अक्टूबर को दो जमानतों के साथ न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। जब यह चालान बच्चे के स्वजन पर पहुंचा तो वे हैरान रह गए। मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो इस पर जांच शुरू हुई। रिपोर्ट थाना क्वार्सी के उप निरीक्षक शिवम कुमार त्यागी द्वारा तैयार की गई थी। जांच के दौरान उन्होंने अधिकारियों को बताया कि उन्होंने मौके पर सिपाही भेजा था, उसके बताए अनुसार नाम व उम्र दर्ज कर ली थी। लापरवाही की पुष्टि होने के बाद एसएसपी ने दारोगा को निलंबित कर दिया।

    दो पक्षों में दरवाजा लगाने के विवाद में एसीएम कोर्ट में चालानी प्रस्तुत हुई थी। एक नाम, जो लीगल उम्र का नहीं है, उसकी चालानी पेश कर दी गई। इसमें दारोगा की लापरवाही सामने आयी है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इसमें विधिक कार्रवाई की जा रही है। मुचलका निरस्तीकरण के कार्रवाई के संबंध में पत्राचार हुआ है।
    सर्वम सिंह, सीओ तृतीय