105 साल के इतिहास में एएमयू में पहली बार मनेगी दीपावली, हिंदू छात्रों की मांग पर विश्वविद्यालय ने दी अनुमति
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के 105 साल के इतिहास में पहली बार दीपावली मनाई जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हिंदू छात्रों की मांग को मानते हुए अनुमति दी। छात्रों ने लम्बे समय से इसकी मांग की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। इस निर्णय से छात्रों में खुशी की लहर है।

एएमयू में पहली बार मनाई जाएगी दीपावली।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के 105 साल के इतिहास में पहली बार दीपावली मनाई जाएगी। हिंदू छात्रों की मांग पर विश्वविद्यालय ने अप्रवासी छात्र केंद्र (एनआरएससी) में दीपावली मनाने की अनुमति दी है। छात्र अखिल कौशल ने दीपोत्सव, आतिशबाजी और मिठाइयों के साथ दीपावली मनाने की अनुमति मांगी थी।
छात्र नेता का कहना है कि यह हिंदू छात्रों के संघर्ष की ऐतिहासिक जीत है। वहीं, प्रॉक्टर प्रो. एम वसीम अली ने बताया कि एएमयू में दीपावली मनाने पर कोई रोक नहीं है। छात्रों ने एनआरएससी क्लब में आयोजन की अनुमति मांगी थी, स्वीकृति दे दी गई है।
एएमयू में सामाजिक विज्ञान व जनसंचार विभाग के छात्रों ने 14 अक्टूबर को पत्र लिखकर कुलपति से एनआरएससी क्लब में आयोजन की अनुमति मांगी थी। एएमयू प्रशासन ने पहले सर सैयद दिवस समारोह के चलते हाल की सफाई न होने के कारण आयोजन न होने की बात कही थी। अनुमति न मिलने पर विवाद बढ़ता जा रहा था। छात्र नेता के पक्ष में हिंदू संगठन भी आ गए थे। शुक्रवार को प्रशासन ने 18 अक्टूबर के बजाय 19 अक्टूबर को कार्यक्रम की अनुमति दे दी।
छात्र नेता का कहना है कि तब तक हिंदू छात्र त्योहार पर अपने-अपने घर चले जाएंगे। फिर भी आयोजन धूमधाम से होगा। आयोजन छात्र अपने पैसे से करेंगे, यूनिवर्सिटी से कोई सहायता नहीं ली जाएगी।
वहीं, छात्र नेता कैफ हसन ने दीपावली मनाने की अनुमति को शर्म का विषय बताया है। कहा है कि इससे एएमयू में दुख की लहर है। ऐसा लगता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन किसी दबाव में काम कर रहा है। ऐसा होता है तो वह बकरीद पर विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर कुर्बानी देंगे।
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