अलीगढ़ में SIR को लेकर उठाया बड़ा कदम, परिषदीय स्कूलों के खुलने का टाइम बदला
जिलाधिकारी ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए सभी परिषदीय स्कूलों का समय बदलकर सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक कर दिया है। पहले यह समय सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक था। इस निर्णय का शिक्षक संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।

प्रतीकात्मक फोटो।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। जनपद के समस्त परिषदीय स्कूल सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक खुलेंगे। यह निर्णय जिलाधिकारी ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) कार्यक्रम के दृष्टिगत लिया गया है, जिसका शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। वर्तमान में स्कूलों के खुलने का समय सुबह सात बजे से तीन बजे तक है।
बीएसए डा. राकेश कुमार सिंह ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारी, प्रधानाध्यापक, इंचार्ज प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशकों को सख्त निर्देश दिए है कि वह सुबह आठ बजे से चार बजे तक स्कूल में उपस्थित रहकर बीएलओ के कार्य में सहयोग कर एसआइआर का कार्य पूर्ण कराएंगे।
इस आदेश के विरुद्ध राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने गुरुवार को बीएसए को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष डा. राजेश चौहान व जिला मंत्री सुशील शर्मा ने बताया कि एसआइआर कार्य की आड़ में जनपद के शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रति जो व्यवहार किया जा रहा है, वह न केवल असंवेदनशील है, बल्कि शिक्षक सम्मान, प्रशासनिक मर्यादा एवं मानवीय दृष्टिकोण के विपरीत है।
जो शिक्षक बीएलओ नहीं हैं, वे भी बीएलओ के साथ फार्म जांच, फीडिंग एवं डेटा अपडेट कार्य में निरंतर सहयोग प्रदान कर रहे हैं। फिर भी, उन पर निलंबन जैसी कठोर कार्रवाई की जा रही है व दूरस्थ क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। कई शिक्षकों को रात्रि में असुरक्षित परिस्थितियों में कार्य करने व बाहर रहने के लिए विवश किया जा रहा है। इसके बावजूद विद्यालय समय सुबह आठ से शाम चार बजे तक कर दिया गया, जो कि पूर्णतः अव्यवहारिक, असंवेदनशील एवं नियम विरुद्ध है।
आंदोलन की चेतावनी
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ भी एसआइआर के लिए स्कूलों के खुलने का समय बढ़ाने के विरोध में उतर आया है। जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह व जिला मंत्री राजेंद्र सिंह अत्री ने बीएसओ को दिए पत्र में कहा कि शिक्षक समुदाय शासन-प्रशासन के कार्यों को प्राथमिकता के साथ करते हैं। एसआइआर में भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम किया जा रहा है। बीएलओ के साथ समस्त स्टाफ सहयोग कररा है। विषम परिस्थिति में लिए गए चार दिन के मेडिकल अवकाश तक निरस्त किए जा रहे हैं। यदि शिक्षकों के साथ अन्याय होगा तो संगठन संघर्ष के लिए तैयार है, जिसका उत्तरादायित्व मंत्रालय का होगा।

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