सरकारी स्कीम में लाभ दिलाने के नाम पर ठगते थे, अलीगढ़ में साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़; तीन गिरफ्तार
अलीगढ़ पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों से दस्तावेज लेकर सिम कार्ड खरीदते ...और पढ़ें

पुलिस लाइन सभागार में पकड़े गए तीन आरोपितों के साथ जानकारी देतीं एसपी क्राइम ममता कुरील। जागरण
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए बैंक खाते खुलवाने के नाम पर सिम खरीद कर साइबरी ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। तीन ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य सरगना अभी फरार है।
सरगना ने यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र के दस लोगों को जाल में फंसाकर 2.87 लाख रुपये ठग लिए। संबंधित जिलों में पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई तो पता चला कि साइबर ठगों ने महुआखेड़ा क्षेत्र के ईकरी गांव से फोन किए थे। आरोपितों से दस्तावेज, सिम, मोबाइल आदि सामान मिला हैं।
बैंक खाते खुलवाने के नाम पर लोगाें के दस्तावेजों से खरीदते थे सिम
अमरोहा, फरीदाबाद, उत्तराखंड, मुंबई सिटी, लुधियाना, औरेया, पीलीभीत, गुरुग्राम, एटा के लोगों से नौ अगस्त से 27 नवंबर के बीच साइबर ठगी की घटनाएं हुईं थीं। पीड़ितों ने पोर्टल पर इसकी शिकायत की। पुलिस जांच में पता चला कि साइबर ठगाें ने अलीगढ़ के महुआखेड़ा क्षेत्र के ईकरी गांव से फोन किए हैं। जिन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया उनमें अधिकांश की सिम अलीगढ़ के लोगों के पते से खरीदी गईं थीं। एक सिम जवां क्षेत्र के एक मजदूर के पते पर खरीदी गई थी।
यूपी, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र के दस अधिक लोगों करीब तीन लाख ठगे
मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता में एसपी क्राइम ममता कुरील ने बताया कि शातिरों की गिरफ्तारी के लिए महुआखेड़ा थाना प्रभारी जुगेंद्र सिंह व साइबर सेल प्रभारी राहुल चौधरी के नेतृत्व में टीम गठित की। पुलिस जांच में साफ हुआ कि फोन कर ठगी करना वाला ईकरी का शकील है।
पुलिस ने शकील की गिरफ्तारी के लिए गांव में घेराबंदी की तो वो बच निकलने में सफल रहा। पुलिस ने गांव के पास से ही उसके साथी जवां क्षेत्र के सुबकरा निवासी धनदेश ठाकुर, सुमेरा दरियापुर निवासी साहिक, और आमलपुर सुबकरा निवासी अफजाल अहमद को गिरफ्तार कर लिया।
ऐसे गिरोह करता था काम
साइबर सेल प्रभारी राहुल चौधरी के अनुसार धनदेश ठाकुर छतरी लगाकर सिम बेचने का काम करता है। अफजाल का काम अनपढ़ व गरीब लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के बहाने बैंक खाता खुलवाने के लिए दस्तावेज जुटाना था। इन दस्तावेजों से खाता खुलाने के अलावा वह धनदेश ठाकुर से सिम खरीदता था।
खरीदी हुई सिमों को वह ईकरी के शकील व अन्य को बेच देता था। इस काम में धनदेश ठाकुर और अफजाल खूब कमाई करते थे। दूसरों के नाम से खरीदी गई इन सिमो के सहारे ही शकील लोगों को फोन कर रुपयों की ठगी करता था। उसने सबसे पहला फ्राड एटा के युवक के साथ नौ अगस्त को किया। उससे 17000 की ठगी की। इसके बाद से वह लगातार ठगी कर रहा था।
ये हुआ सामान हुआ बरामद
आरोपितों से चार जियो, पांच एयरटेल के एक्टिव सिम, 18 बीएसएनएल, 10 एयरटेल के ब्लैंक सिम, 26 नए सिम, बैंक आफ बड़ोदा की एक चेक व एक पासबुक, पीएनबी की एक पास बुक, एक रजिस्टर, दो बुलट बाइक, राइडर, 1010 रुपये बरामद हुए हैं। एसपी क्राइम के अलावा जहां के लोगों के साथ ठगी हुई है वहां की पुलिस को रिपोर्ट भेजकर मुकदमा पंजीकृत कराने के लिए कहा जाएगा। जिससे वह वी वारंट लेकर संबंधित मामलों में इन आरोपितों से पूछताछ कर सकें।
कहां के व्यक्ति से कितने की हुई ठगी
- राज्य व शहर, राशि, दिनांक
- उत्तराखंड, 9000, 23/11
- अमरोहा, 15000, 27/11
- मुंबई सिटी, 5000, 31/10
- फरीदाबाद, 20000, 31/10
- लुधियाना, 75000, 29/10
- औरेया, 44000, 12/11
- पीलीभीत, 2000, 24/9
- गुरुग्राम, 40000, 14/8
- एटा, 17000, 09/8
- गुरुग्राम, 60000, 14/8
अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों के संपर्क में तो नहीं
पुलिस अब इसकी जांच में जुट गई है कि पकड़े गए आरोपित अंतर राष्ट्रीय साइबर ठगों के संपर्क में तो नहीं थे। सरगना शकील की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो सकेगा। पुलिस सभी आरोपितों का आपराधिक इतिहास भी खंगाल रही है। जिससे और कहां-कहां इनके द्वारा वारदात की गईं व गैंग में और कितने व कौन शामिल हैं, इसका पता चल सके।

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