नेपाल हिंसा में अलीगढ़ के दो ताला-हार्डवेयर करोबारी परिवार फंसे, संपर्क टूटने से फैमिली परेशान
नेपाल में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध के बाद हिंसा में अलीगढ़ के दो कारोबारी परिवार काठमांडू में फंस गए हैं। बाजार बंद होने से उन्हें अपनी दुकानों की सुरक्षा की चिंता है। परिजनों से संपर्क टूट जाने से दहशत का माहौल है। इंडो नेपाल एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल नेपाल जाकर स्थिति का जायजा लेगा और प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करेगा। भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। नेपाल में इंटरनेट सेवाएं व एप बंद करने पर हिंसक आंदोलन में लोगों की मृत्यु के विरोध में मंगलवार को जेन जेड की अगुवाई में युवा और भी ज्यादा हिंसक हो गए। इस देश के विभिन्न शहरों के अलावा सबसे ज्यादा आगजनी की घटनाएं काठमांडू में हुई। यह रुक-रुक कर सुलगता रहा।
शहर के दो कारोबारी परिवार काठमांडू स्थित अपने आवासों में कैद रहे। वहीं बाजार बंद होने के चलते उन्हें अपने प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर दहशत रही। वहीं उनके शहर के स्वजन लगातार संपर्क में बने रहे। एक परिवार का शाम दोपहर के बाद संपर्क टूट गया।
बताया गया है कि इंटरनेट की लाइन आग की चपेट में आ गई। दूसरे परिवार का संपर्क रात आठ बजे भी हुआ। यह दोनों परिवार सुरक्षित तो हैं, मगर किसी भी अनहोनी घटना को लेकर दहशत में हैं।
काठमांडू में एक उद्यमी की वर्ष 1985 व दूसरे की 2008 से है ताला-हार्डवेयर की दुकान
सासनीगेट लोधी विहार कॉलोनी निवासी संजीव गुप्ता चार भाई हैं। इनमें एक भाई अजय कुमार गुप्ता मथुरा रोड स्थित कृष्णधाम में रहते हैं। ये दोनों भाई ताला-हार्डवेयर के निर्यातक हैं। इनके दो भाई राकेश कुमार गुप्ता व देवांश कुमार गुप्ता ने वर्ष 1985 में देवांशी एटर प्राइजेज के नाम से काठमांडू के भोटेवाल में शोरूम खोला। यह अलीगढ़ के ताला-हार्डवेयर का थोक का काम करते हैं। इनकी आसपास के जिलों में भी आपूर्ति है।
राकेश गुप्ता की पत्नी का निधन हो चुका है, उनके पास कोई संतान भी नहीं है। दूसरे भाई देवेंद्र गुप्ता पत्नी चित्रा गुप्ता, बेटी प्रियांशु गुप्ता व बेटा देवांशु गुप्ता के साथ रहते हैं। दो दिन पहले काठमांडू शांत था। हालांकि पिछले कई महीनों से नागरिक व राजशाही वापसी के समर्थक व सरकार विरोधी लोग आंदोलन व धरना प्रदर्शन समय समय पर कर रहे हैं। गत सोमवार को जब इंटरनेट सेवाएं बद कर दी तो जेन जेड के युवा सड़कों पर उतर आए। तब यह परिवार सहम गया। एंटी इंडिया के कुछ कम्यूनिस्ट विचार धारा के लोग खुन्नश मानते हैं।
परिवार के साथ रह रहे हैं कारोबारी घरों में हुए हैं कैद, ट्रंक फंसे
दूसरा परिवार सासनीगेट निवासी दिनेश कुमार गुप्ता का नेपाल हिंसक बारदातों को लेकर गहरी चिंता में है। इनके दो बेटा हैं। एक बेटा विवेक गुप्ता शहर में उनके साथ रहते हैं, जबकि दूसरे पुत्र गौरव शंकर काठमांडू के भोटावाल में वर्ष 2008 से न्यू विधि ट्रेड कंसल नाम से ताला-हार्डवेयर की थोक की प्रतिष्ठान का संचालन करते हैं। विवेक पत्नी विधि गुप्ता, बेटा कर्दन गुप्ता व बेटी गार्गी गुप्ता के साथ रहते हैं। विवेक गुप्ता ने बताया है कि नेपाल में व्यापार का बुरा हाल है। माल उधारी में जाता है। बाजार में मोटी रकम फंसी है। इस देश की आंतरिक व्यवस्था बेहद खराब है। मगर दो दिन की हिंसक घटानाओं ने चिंताएं और बढ़ा दी हैं। रात आठ बजे स्वजन से बातचीत हुई है। सब ठीक हैं।
नेपाल जाएगा प्रतिनिधि मंडल
इंडो नेपाल एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप चौधरी ने बताया है कि उनकी एसोसिएशन की पूरी टीम नेपाल जा रही है। जहां शहर के लोग रह रहे है, उनसे संपर्क किया जाएगा। वे डरे व सहमे हुए हैं। उन्हें नेपाल में जाकर धैर्य रखने व उनके साथ सहानुभूति जताई जाएगी। साथ ही जो ट्रक भारतीय सीमा पर फंसे है, उनसे भी संपर्क किया जा रहा है। सरकार के प्रतिनिधियों से संपर्क किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सहयोग लिया जाएगा। भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए हैं, अगर किसी भी भारतीय परिवार को नेपाल में कोई समस्या प्रतीत होती है तो उनसे संपर्क कर सकते हैं।
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