कान्वेंट स्कूलों में गरीब परिवार के बच्चों को मिलेगा प्रवेश, फीस भरेगी सरकार, जानिए क्या है योजना
नए सत्र में सभी निजी विद्यालयों में शासन के निर्देशों के तहत दाखिला दिलाने की तैयारी चल रही है। निजी विद्यालयों में गरीब विद्यार्थियों को दाखिला दिलान ...और पढ़ें

प्रयागराज, जेएनएन। कान्वेंट स्कूलों में अपने बच्चे का दाखिला कराने का गरीब परिवार के माता-पिता का सपना पूरा होगा। अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत सत्र 2022-23 में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। तीन चरण में क्रमवार ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे। दाखिला के लिए बच्चों का चयन लाटरी सिस्टम से किया जाएगा। योजना के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च शासन की ओर से स्कूल प्रबंधन के खाते में भेजा जाएगा।
नए सत्र से जिले के सभी निजी विद्यालयों में शासन के निर्देशों के तहत दाखिला दिलाने की तैयारी चल रही है। निजी विद्यालयों में भी गरीब विद्यार्थियों को दाखिला दिलाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग तैयारी कर रहा है। पहले चरण में दाखिले के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया दो मार्च से शुरू है। निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया पूरा कराने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है। गरीब बच्चों को प्री प्राइमरी और कक्षा एक में निजी कान्वेंट स्कूलों में दाखिला कराया जाता है। बच्चों की पढ़ाई का खर्च शासन की ओर से स्कूलों के खातों में भेजा जाता है। कापी-किताब के लिए पांच-पांच हजार रुपये अभिभावकों के खाते में भेजे जाते हैं।
जिला समन्वयक श्रीकृष्ण विश्वकर्मा ने बताया कि नए शिक्षण सत्र में दाखिले के लिए पहले चरण के लिए दो से 25 मार्च तक आवेदन की प्रक्रिया होगी। इसके बाद 26 से 28 मार्च तक आवेदन पत्रों का सत्यापन होगा। इसके बाद 30 मार्च को लाटरी निकाली जाएगी। प्रवेश के लिए तिथि पांच अप्रैल निर्धारित है। दूसरे चरण में दो से 23 अप्रैल तक आवेदन और 25 से 26 तक सत्यापन होगा। तीसरे चरण में आवेदन दो से 10 जून तक होंगे। सभी आवेदन का सत्यापन किया जाएगा। शासन के निर्देश का पालन करते हुए मानक के तहत दाखिला दिलाया जाएगा।
बीएसए प्रतापगढ़ ने यह कहा
आरटीई के तहत दाखिला के लिए पहले निजी स्कूलों की मैपिंग होती है। जो आनलाइन आवेदन आते हैं, उनका सत्यापन किया जाता है। मानक के तहत जो छात्र आते हैं, उनको प्रवेश संबंधित विद्यालय में डीएम के अनुमोदन के बाद दिलाया जाता है।
- भूपेंद्र सिंह, बीएसए

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