सर्वे के जरिए पता करेंगे कितना है टीबी का प्रकोप
आमजन के बीच में टीबी यानी क्षय रोग किस स्तर पर है इसका पता लगाने के लिए भारत सरकार की ओर से एक सर्वे शुरू किया गया है। प्रदेश के सभी जनपदों में सैकड़ों गावों का चयन किया गया है जिसमें प्रयागराज के भी तीन गावों शामिल हैं। टीम एक्स-रे मशीन के साथ गावों में जाएगी और 15 साल से अधिक उम्र के ग्रामीणों से उनके स्वास्थ्य संबंधित सवाल पूछेगी। पुष्टि होने के बाद उनका इलाज भी किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : आमजन के बीच में टीबी यानी क्षय रोग किस स्तर पर है इसका पता लगाने के लिए भारत सरकार की ओर से एक सर्वे शुरू किया गया है। प्रदेश के सभी जनपदों में सैकड़ों गावों का चयन किया गया है जिसमें प्रयागराज के भी तीन गावों शामिल हैं। टीम एक्स-रे मशीन के साथ गावों में जाएगी और 15 साल से अधिक उम्र के ग्रामीणों से उनके स्वास्थ्य संबंधित सवाल पूछेगी। पुष्टि होने के बाद उनका इलाज भी किया जाएगा।
दरअसल, सरकार ने 2025 तक टीबी को भारत से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में भारत सरकार अब यहा पता लगाने का प्रयास कर रही है कि टीबी रोग की व्यापकता अभी किस स्तर पर है। इसका अनुमान लगाने के लिए सरकार ने विशेष टीमें गठित कर दी हैं, इसमें प्रदेश के सभी जिलों को शामिल किया गया है। प्रयागराज जनपद के तीन गावों का चयन किया गया है। इसमें फूलपुर तहसील के गंगवार गाव, मेजा तहसील के अखरी शाहपुर व रामनगर के उंचडीह शामिल हैं। इन गावों में टीम पहुंच चुकी है और सर्वे शुरू भी कर दिया है। इस तरीके से होगा सर्वे
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. एके तिवारी ने बताया कि टीमें चिह्नति गावों में जाएगी साथ में बस भी होगी। लोगों को चिह्नति करके उनकी सूची बनाई जाएगी। उनके स्वास्थ्य संबंधित सामान्य प्रश्न पूछे जाएंगे जो क्षय रोग से ही जुड़े होंगे। सर्वे बस में ही उनका चेस्ट एक्स-रे होगा। पूछे गए प्रश्नावली व एक्स-रे के आधार पर जिनमें क्षय रोग के लक्षण मिलेंगे उनके बलगम की जाच की जाएगी। टीबी होने की पुष्टि होती है तो उन्हें इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर भेजा जाएगा। आइसीएमआर संस्थान द्वारा होने वाला यह सर्वे कलस्टर्स से प्रारंभ किया जाएगा। टीबी रोग की व्यापकता का अनुमान लगाने के लिए यह सर्वे कराया जा रहा है। अलग अलग टीम संबंधित गावों में जाकर लोगों पर सर्वे करेगी और इसकी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी।
डॉ. जीएस वाजपेयी, मुख्य चिकित्साधिकारी।

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