यूपी विधानसभा उपचुनाव से पहले बढ़ी अखिलेश की मुश्किलें, यादव समाज की बैठक में सपा सांसद पर नाराजगी
UP Assembly By Election कटेहरी विधानसभा क्षेत्र के दक्षिणी छोर के पखनपुर गांव में सपा के पुराने कार्यकर्ताओं के साथ यादव समाज की बैठक में सपा सांसद लालजी वर्मा पर जातिवाद परिवारवाद कार्यकर्ता व यादव समाज विरोधी होने का आरोप लगा। आगामी विधानसभा उपचुनाव में लालजी वर्मा के परिवार से किसी भी सदस्य के चुनाव लड़ेगा पर यादव समाज द्वारा विरोध करने से आगाह किया गया।
संवाद सूत्र, जागरण भीटी। कटेहरी विधानसभा क्षेत्र के दक्षिणी छोर के पखनपुर गांव में सपा के पुराने कार्यकर्ताओं के साथ यादव समाज की बैठक हुई। इसमें वक्ताओं ने मंच से सपा सांसद लालजी वर्मा पर जातिवाद, परिवारवाद, कार्यकर्ता व यादव समाज विरोधी होने का आरोप लगाया।
आगामी विधानसभा के उपचुनाव में लालजी वर्मा के परिवार से किसी भी सदस्य के चुनाव लड़ेगा पर यादव समाज द्वारा विरोध करने से आगाह किया गया। इस क्रम में परशुराम यादव पहाड़ी को यादव समाज ने अपना अधिकृत प्रत्याशी भी घोषित कर दिया।
पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप
जिला सचिव इंद्रजीत यादव ने कहा कि लालजी वर्मा ने विधायक के अपने कार्यकाल में यादव समाज व पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की। उनका यह क्रम लोकसभा चुनाव में जारी रहा। इससे यादव समाज हाशिए पर आ गया। इसके बावजूद सपा पार्टी प्रत्याशी को जिताने में यादव समाज व कार्यकर्ताओं ने जान लगा दिया।
अन्य वक्ताओं में जिला सचिव नंदू यादव, राम मूरत यादव, समाजवादी सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद यादव फौजी, समाजवादी मजदूरसभा के जिलाध्यक्ष संतोष यादव, विधानसभा उपाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण यादव, जोन प्रभारी चतुरपाल यादव, सेक्टर प्रभारी हौसिला प्रसाद यादव, टांडा ब्लॉक अध्यक्ष राजितराम गौतम, परशुराम यादव समेत तमाम पूर्व व वर्तमान जिपंस, ग्राम प्रधान, बीडीसी, वर्तमान व पूर्व पदाधिकारी शामिल रहे। अध्यक्षता मंशाराम यादव व संचालन जिला सचिव पवन यादव ने किया।
पुरानी है नाराजगी
बैठक के माध्यम से यादव समाज ने सांसद के खिलाफ विगुल फूंकते हुए मोर्चा खोल दिया है। सपा के बेस मतदाताओं की यह नाराजगी आगामी उपचुनाव के लिए अशुभ संकेत है। गत विधानसभाक्षेत्र चुनाव में कुछेक कार्यकर्ताओं ने लालजी वर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए नाराजगी व्यक्त भी की थी, लेकिन सपा के पूर्व एमएलसी ने उनकी नाराजगी दूर करते हुए डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया था।
इसे भी पढ़ें: कानपुर में लगातार हो रही ट्रेन पलटाने की साजिश, 38 दिन... तीन रूट और तीन षड्यंत्रों ने खुफिया एजेंसियों की दी चुनौती