Old Pension : जब मरा हुआ व्यक्ति खुद चलकर पहुंचा सरकारी ऑफिस, बोला- साहब मैं जिंदा हूं, मेरी पेंशन क्यों बंद कर दी?
Old Age Pension डीएम के निर्देश पर समाज कल्याण अधिकारी विक्रम कौशल ने स्थल पर पहुंचकर जांच की तो बुजुर्ग राम सहाय के जीवित होने का प्रमाण मिला। शासन को इनके जीवित होने की रिपोर्ट भेजते हुए लाभार्थी सूची में नाम जोड़ने के लिए रिपोर्ट भेजी। स्वीकृति मिलते ही बुजुर्ग को फिर से पेंशन मिलेगी। मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
संसू, जागरण, अंबेडकरनगर। बसखारी की ग्राम पंचायत टड़वा दरब के गांव धनजौल के बुजुर्ग रामसहाय को सरकार से मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन का अभी तक सहारा था, इन्हें प्रत्येक तीन माह पर एकमुश्त मिलने वाली पेंशन का बेसब्री से इंतजार रहता था।
इस बार पेंशन लेने बैंक पहुंचते तो, कर्मियों ने बताया कि सबकी आयी है, लेकिन आपकी समाज कल्याण विभाग ने नहीं भेजी है। तब जर्जर काया के बुजुर्ग रामसहाय किसी तरह समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय विकास भवन पहुंचे। यहां कर्मचारियों ने बताया कि आपको मृतक दर्ज कर दिया गया है। यह सुनते बुजुर्ग के पैरों तले जमीन खिसक गई।
समाज कल्याण अधिकारी की चौखट नापते थकने के बाद बुजुर्ग ने डीएम से कहा साहब मैं जिंदा हूं और समाज कल्याण विभाग ने मुझे मृत दर्ज करके मेरी पेंशन बंद कर दी। अपने ही सामने जिंदा खड़े बुजुर्ग को मृत दर्ज करने का अपराध सुनकर डीएम हक्का-बक्का रह गए। तुरंत अधिकारियों को बुला जांच का निर्देश दिया, इसके बाद पता चला कि यह कारनामा ग्राम सचिव अंकुर वर्मा द्वारा किया गया है। डीएम के निर्देश पर ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया।
सत्यापन में की मनमानी
समाज कल्याण विभाग से प्रत्येक वर्ष पेंशनर बुजुर्गों के जीवित होने का सत्यापन कराया जाता है। इस वर्ष भी सभी बुजुर्गों का सत्यापन कराया गया था। तत्समय उक्त ग्राम पंचायत में तैनात रहे ग्राम सचिव अंकुर वर्मा ने मौके पर सत्यापन करने के बजाए मनगढ़ंत आख्या में बुजुर्ग को मृत दर्शाते हुए सत्यापन आख्या विभाग को भेज दी। इसी आधार पर विभाग ने बुजुर्ग रामसहाय के पेंशन भुगतान को रोक दिया था।
डीएम के निर्देश पर चेते जिम्मेदार
डीएम के निर्देश पर समाज कल्याण अधिकारी विक्रम कौशल ने स्थल पर पहुंचकर जांच की तो बुजुर्ग राम सहाय के जीवित होने का प्रमाण मिला। शासन को इनके जीवित होने की रिपोर्ट भेजते हुए लाभार्थी सूची में नाम जोड़ने के लिए रिपोर्ट भेजी। स्वीकृति मिलते ही बुजुर्ग को फिर से पेंशन मिलेगी।
डीपीआरओ अवनीश श्रीवास्तव ने बताया कि ग्राम सचिव ने गलती होना स्वीकार किया है। ऐसे में आरोपित को निलंबित करके एडीओ पंचायत प्रभात सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया है। निलंबन अवधि में आरोपित को डीपीआरओ के कार्यालय में संबद्ध किया गया है। उक्त ग्राम पंचायत सचिव वर्तमान में कटेहरी ब्लाक में तैनात है।