अयोध्या में 11 हजार छात्राओं-महिलाओं ने जलाए दीये, रौशनी से चमक उठा 'शक्ति पुंज'
रविवार शाम को अयोध्या के राम की पैड़ी घाटों पर दीये जलाए गए, जिससे सरयू तट प्रकाशमय हो गया। दीपोत्सव के साथ मां सरयू की आरती हुई, जिसमें 21 सौ बटुकों के साथ महिलाएं भी शामिल थीं। लगभग 11 हजार छात्राओं और महिलाओं की भागीदारी ने उत्सव को भव्य बनाया, जो देश की सुरक्षा, सियासत या उत्सव में महिलाओं की सशक्त भूमिका का प्रतीक बना। पीत परिधान में सजकर उन्होंने मां सरयू की आरती की और राम के नाम का दीया जलाया।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। रविवार को शाम होते ही राम की पैड़ी के घाटों पर सज्जित दीये जलाये गये तो समूचा सरयू तट प्रकाशित हो उठा। दीपोत्सव संग सरयू माता की आरती उतारी गई। आरती में 21 सौ बटुकों में महिलाएं भी शामिल रहीं। इन दोनों ही उत्सवी कार्यक्रमों में लगभग 11 हजार छात्राएं- महिलाएं शामिल हुईं, तो इनका शक्ति पुंज चमक उठा। इनकी साझेदारी ने यह संदेश दिया कि चाहे वह देश की सुरक्षा की बात हो या फिर सियासत अथवा उत्सव की, वे अब कहीं भी पीछे रहने वाली नहीं है। पीत परिधान में सज्जित होकर इन सभी ने मां सरयू की आरती की। और आराध्य के नाम का दीया जलाया।
33 हजार स्वयंसेवकों ने जलाए दीये
इससे पहले 33 हजार स्वयंसेवकों ने शनिवार को घाट दर घाट दीप सजाये और सूर्यदेव के अस्ताचलगामी होते ही उन्हें प्रज्वलित किया। इसमें 10 हजार आधी आबादी की संख्या रही। महाविद्यालयों, इंटर कालेजों के साथ ही अवध विश्वविद्यालय की छात्रा व महिला शिक्षक अभियान का हिस्सा बनीं। आरती में लगभग एक हजार छात्राएं शामिल हुई।
साकेत कालेज की डा. पूनम जोशी अपने आवंटित घाट पर भावपूर्ण रूप से दीया जलाती रहीं। कभी वह दीया लगाने तो कभी तेल डालने का निर्देश देती रहीं। वह कहती हैं कि हम किसी से कम नहीं। हिमांशी मिश्रा कहती हैं कि वह बेंगलुरु से आई हैं, एक संस्था के माध्यम से दीपोत्सव में शामिल हुईं।
दिल्ली की विभूति राय व मध्य प्रदेश की अग्रिमा भी अपने दल के साथ घाटों पर दीया जलाकर प्रसन्न नजर आईं। सभी का कहना है कि अयोध्या में आयोजित इस दीपोत्सव का हिस्सा बनकर वह गौरव महसूस कर रही हैं। आरती में शामिल रहीं सीता तिवारी ने बड़े सौभाग्य है कि इस तरह के आयोजन का हिस्सा बन पाई।
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