रामनाम और उसकी महिमा का हुआ गुणगान, संतों ने दीपोत्सव को बताया सनातन धर्म का गौरव
दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या के रामकथा पार्क में आयोजित कार्यक्रम में रामनाम, दीपोत्सव और योगी सरकार की प्रशंसा हुई। संतों ने दीपोत्सव को सनातन धर्म का गौरव बताया और जगद्गुरु वासुदेवाचार्य विद्याभास्कर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव की परंपरा शुरू कर विश्व में सनातन धर्म का मान बढ़ाया।
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जागरण संवाददाता, अयोध्या। दीपोत्सव पर रामकथा पार्क में आयोजित कार्यक्रम में रामनाम, दीपोत्सव और योगी राज की महिमा का गान हुआ। संतों ने न सिर्फ योगी के शासन की प्रशंसा की, बल्कि दीपोत्सव को सनातन धर्म का गौरव बताया। जगद्गुरु वासुदेवाचार्य विद्याभास्कर ने कहाकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव की परंपरा आरंभ कर संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म का गौरव बढ़ाया।
जैसे भागीरथ ने गंगा को धरती पर उतारा, वैसे ही योगी ने भी वादा किया है कि सीता झील के रूप में सरयू के अविरल प्रवाह से अछूते स्थल भी निर्मल होंगे। उन्होंने कहाकि तीर लगने के बाद बालि ने भगवान राम से पूछा था कि मैंने आपके राज में कोई अपराध नहीं किया फिर ऐसा दंड क्यों। तब भगवान राम ने कहा था कि यह सृष्टि राजा मनु की रची है, जो अयोध्या के थे। इसलिए यह सारा विश्व हमारा है।
उन्होंने कामना की कि सारे भूमंडल पर सनातन का राज हो और भारत उसकी राजधानी बने और भारत की राजधानी अयोध्या हो। जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य ने कहाकि संपूर्ण विश्व में दीपोत्सव का आनंद व्यक्त हो रहा है। यह अवसर कलयुग में त्रेता का अनुभव कराने वाला है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने अपने तपोबल से रामलला को भव्य मंदिर में विराजमान कराया। उन्होंने कहाकि विश्व के अनेक देश हैं, जहां के लोग कामना करते हैं कि हमारे यहां भी योगी जैसे नेता हों।
क्या बोले जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य?
जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य ने कहाकि दीपोत्सव का पर्व मात्र अयोध्या का नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व का है। अयोध्या ने दीपोत्सव को पूरे विश्व को प्रदान किया। उन्होंने कहाकि भगवान राम के चरित्र को दीपक की लौ की भांति लोगों ने अपनाया। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को पूरे विश्व की धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित किया। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य ने कहाकि पिछली सरकारों ने अयोध्या को अंधकार के गर्त में डाला, लेकिन जैसे विक्रमादित्य ने अयोध्या को सजाया संवारा था, वैसे ही योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को प्रतिष्ठित किया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में कोई भी ऐसा मुख्यमंत्री नहीं, जो योगी आदित्यनाथ की भांति किसी जिले (अयोध्या) में इतनी बार गया होगा।
योगी ने अयोध्या आने की झिझक को दूर किया। पूर्व सांसद डा. रामविलास दास वेदांती ने कहाकि साकेतवासी महंत अवेद्यनाथ और विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे दिवंगत अशोक सिंघल ने कहा था कि जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनेंगे तब मंदिर बनना आरंभ हो जाएगा। महंत अवेद्यनाथ की भविष्यवाणी सच भी सिद्ध हुई। इससे पहले पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने मुख्यमंत्री और साधु-संतों का अभिनंदन किया। कहा, पहले यूपी की पहचान बीमारू और दंगाई राज्य के रूप में थी, लेकिन योगी शासन में उत्तर प्रदेश विकसित होने की ओर अग्रसर है।
कौन-कौन रहे मौजूद?
इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, लघु व मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान, खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश शर्मा, पूर्व सांसद लल्लू सिंह, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव, अभय सिंह, डा. अमित सिंह चौहान, मिल्कीपुर चंद्रभानु पासवान, एमएलसी हरिओम पांडेय, भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
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