मासूमों का अपहरण कर भीख मंगवाने मामले में दोषी को साढ़े 28 साल की जेल, 1.15 लाख का जुर्माना
अयोध्या में बच्चों से भीख मंगवाने के दोषी जितेंद्र मिश्र को अदालत ने 28 साल की कैद और 1.15 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यह मामला तब सामने आया जब लोगों ने उसे बच्चों को पीटते हुए देखा। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच में पता चला कि आरोपी ने बच्चों का अपहरण कर उनसे भीख मंगवाई थी। पीड़ित बच्चों ने अदालत में गवाही दी।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। अयोध्या धाम की पावन नगरी में बच्चों से भीख मंगवाने वाले संगीन मामले में विशेष न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय विजय कुमार विश्वकर्मा ने बड़ा फैसला सुनाया।
तीन मासूम बच्चों का अपहरण कर उन्हें कटोरा पकड़ा कर भीख मंगवाने वाले निर्दयी जितेंद्र मिश्र को न्यायालय ने दोषी पाते हुए 28 साल आठ माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
साथ ही उस पर 1.15 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका गया। यह धनराशि तीनों पीड़ित बच्चों को मुआवजे के रूप में दी जाएगी। आरोपित की सभी सजाएं साथ चलने के कारण उसे अधिकतम 14 साल सजा भुगतनी होगी।
मोहल्लेवालों की जागरूकता पर मामला आया सामन
अभियोजन के अनुसार अयोध्या के गोलबाजार स्थित हजारा मंदिर निवासी अंकुर पांडेय ने अयोध्या थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 26 अगस्त 2023 को वह नारायण व श्यामजी शरण के साथ मंदिर के सामने पहुंचे तो देखा कि सीतापुर के सिंधौली निवासी जितेंद्र मिश्र सड़क किनारे तीन बच्चों से भीख मंगवा रहा था।
बच्चों की हालत दयनीय थी और वह उन्हें बेरहमी से पीट भी रहा था। मिश्र वहीं पटरी पर कंठी-माला व चंदन की दुकान लगाता था। बच्चों की दयनीय दशा देखते हुए सभी ने विरोध किया तो आरोपित ने न केवल गाली-गलौज की बल्कि मारपीट भी शुरू कर दी। संदेह है कि उसने बच्चों का अपहरण किया है। बच्चों स्थिति ठीक न होने पर उन्हें श्रीराम अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज हुआ।
कई संगीन धाराओं में दर्ज हुई प्राथमिकी
घटना के बाद वादी अंकुर पांडेय की शिकायत पर 27 अगस्त 2023 को प्राथमिकी दर्ज हुई। आरोपित जितेंद्र मिश्र पर मारपीट, गाली-गलौच, भीख मंगवाने के लिए अपरहण, हमला समेत किशोर न्याय अधिनियम व बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम सहित गंभीर धाराएं लगाई गईं। विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया।
पांच वर्ष तक की उम्र के थे मासूम, कोर्ट में हुई गवाही
आरोपित जितेंद्र मिश्र की गिरफ्त से राधिका (5 वर्ष), रागिनी (लगभग 2 वर्ष) तथा विष्णु (लगभग 1.5 वर्ष) के तीन बच्चों को बरामद किया गया था। कोर्ट में पेश होने के दौरान मासूम राधिका ने बताया कि वे सभी भाई-बहन हैं और बिहार के पुलौत के रहने वाले हैं।
उनके पिता की मृत्यु हो चुकी है और मम्मी की मानिसक स्थिति ठीक नहीं है। काले वाले अंकल (आरोपित) ने उन्हें उनकी मम्मी के पास से लाया था। वह उनसे भीख मंगवाता था और मारते-पीटते भी थे।
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