‘सदैव के लिए बंद हो गया बाबरी मस्जिद का अध्याय’, इकबाल अंसारी ने बोले- उसकी चर्चा देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण
बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि बाबरी मस्जिद का अध्याय हमेशा के लिए बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि अब इस मुद्दे पर चर्चा करना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है और सभी को मिलकर देश के विकास में योगदान देना चाहिए। अतीत को भूलकर भविष्य की ओर देखना चाहिए।

इकबाल अंसारी ने कहा- उसकी चर्चा देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण।
संवाद सूत्र, अयोध्या। पश्चिम बंगाल के टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के उस बयान पर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल अंसारी ने असहमति व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने आगामी छह दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का निर्माण शुरू करने की घोषणा की है।
इकबाल ने 'जागरण' से बातचीत में कहा कि देश को अब मंदिर-मस्जिद पर राजनीति की जरूरत नहीं रह गई है।
इकबाल ने कहा कि नौ नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद बाबरी मस्जिद का अध्याय सदैव के लिए बंद हो चुका है और उसकी चर्चा देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
राम मंदिर के निकट ही स्थित मोहल्ला कोटिया के निवासी इकबाल को बाबरी मस्जिद की दावेदारी पिता हाशिम अंसारी से विरासत में मिली थी।
उनके पिता 22-23 दिसंबर 1949 को गर्भगृह में रामलला की पुनर्प्रतिष्ठा के बाद से ही गर्भगृह को मस्जिद बताकर उसमें से रामलला को हटाए जाने की मांग करने लगे थे। तथापि निर्णय आने के साथ इकबाल ने भूलकर भी बाबरी मस्जिद का नाम नहीं लिया।

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