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    Ram Mandir Dhwajarohan: अयोध्या में कलश यात्रा से अनुष्ठान की शुरुआत, सरयू तट पर हुआ पूजन

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 04:20 PM (IST)

    Ayodhya Ram Mandir Dhwajarohan Kalash Yatra: यह यात्रा अमृत काल व सर्वार्थ सिद्धि योग में दोपहर बाद ढाई बजे निकाली गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व अनुष्ठान के यजमान डॉ. अनिल मिश्र नवनिर्मित मंदिर के ध्वजारोहण समारोह का प्रायश्चित पूजन करेंगे। 

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     गुरुवार को कलश यात्रा 

    जागरण संवाददाता, अयोध्या : राम नगरी में 25 नवंबर को राम जन्मभूमि पर नवनिर्मित मंदिर के ध्वजारोहण समारोह के लिए होने वाले विविध अनुष्ठानों की शुरुआत गुरुवार को कलश यात्रा से हो गई। पहले धर्माचार्यो ने सरयू तट पर कलश यात्रा के पहले पूजन अर्चन किया।
    राम मंदिरों के शिखर पर धर्म ध्वजा के आरोहण के लिए होने वाले विविध अनुष्ठानों की शुरुआत गुरुवार को कलश यात्रा से हुई। यह यात्रा अमृत काल व सर्वार्थ सिद्धि योग में दोपहर बाद ढाई बजे निकाली गई। कलश यात्रा में 551 से अधिक महिलाएं शामिल थीं जबकि 151 वैदिक छात्राें ने ध्वज लेकर शोभायात्रा का नेतृत्व किया।
    श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व अनुष्ठान के यजमान डॉ. अनिल मिश्र नवनिर्मित मंदिर के ध्वजारोहण समारोह का प्रायश्चित पूजन करेंगे। संत तुलसीदास घाट से कलश में सरयू जल भरकर यजमान डा. अनिल मिश्र व अन्य राममंदिर पहुंचे। यहां पर अनुष्ठान होगा। पावन अनुष्ठान 21 से शुरू होकर 25 नवंबर को अपने चरम पर पहुंचेगा। 25 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे भव्य शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे।
    मार्गशीर्ष अमावस्या के शुभ अवसर पर 20 नवंबर को प्रारंभ हुई कलश यात्रा ने शहर को उत्सवमय और आध्यात्मिक वातावरण से भर दिया है। इसका समापन 25 नवंबर को विवाह पंचमी के पावन मुहूर्त में होगा। अयोध्या में 23 से 25 नवंबर तक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शृंखला चलेगी, जिसमें लोक नृत्य, संगीतमय प्रस्तुतियां, सांस्कृतिक झांकियां और सप्त मंदिरों एवं छह छोटे मंदिरों की विशेष पूजा शामिल हैं। अयोध्या को आकर्षक रोशनी, रंग-बिरंगी फूल सजावट और पारंपरिक रंगोलियों से विशेष रूप से सजाया जा रहा है। शहर की गलियों में सुबह-शाम राम धुन, मंत्रोच्चार और जयकारों की गूंज वातावरण को और अधिक पवित्र बना रही है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह महोत्सव भारतीय संस्कृति, परंपरा व एकता का अद्भुत प्रतीक बनने जा रहा है। पूरे देश के प्रमुख संतों, विद्वानों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और लाखों श्रद्धालुओं को इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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