रामनगरी अयाेध्या में तीन घंटे रहेंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी, दाेपहर में शुभ मुहूर्त में हाेगा राम मंदिर पर ध्वजारोहण
Ram Mandir Ayodhya: नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि ध्वजारोहण निर्बाध हो, कोई तकनीकी अड़चन न आए, इसलिए रक्षा मंत्रालय से जुड़े विशेषज्ञ स्वयं राम मंदिर के मुख्य शिखर पर स्थापित कलश तक जाकर सभी पहलुओं को देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परिसर में तीन घंटे का समय व्यतीत करेंगे
जागरण संवाददाता, अयोध्या : राम नगरी अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को राम मंदिर सहित रामजन्मभूमि परिसर के सात पूरक मंदिरों के शिखर पर मध्याह्न बाद ध्वजारोहण करेंगे। धर्म ध्वजा के आरोहण का मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे के मध्य है। सभी मंदिरों की धर्म ध्वजा का आकार तय कर लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी केसरिया नायलॉन ध्वज पर अंकित ‘ॐ’ प्रतीक के साथ ध्वज फहराएंगे
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि शुभ मुहूर्त को लेकर देश के प्रमुख विद्वानों से विचार-विमर्श कर रहे हैं। परिसर के सभी मंदिरों का समस्त निर्माण पूर्ण हो गया है, अब सुंदरीकरण, हरियाली विकास व वास्तुकला से जुड़े कार्यों और आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परिसर में तीन घंटे का समय व्यतीत करेंगे। उनके सभी कार्यक्रम ऐसे होंगे, जिससे राम विवाह के कार्यक्रमों में बाधा न पहुंचे। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने सर्किट हाउस में बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित कार्यक्रम पर विस्तार से चर्चा की।
ट्रस्ट के पदाधिकारियों व कार्यदायी एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक में पीएम के कार्यक्रम से जुड़े सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है। पीएम मोदी मंदिर परिसर का अवलोकन करेंगे और प्रथम तल पर स्थापित राम परिवार की प्रतिमाओं के दर्शन करेंगे। कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी जाएगी।
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि ध्वजारोहण निर्बाध हो, कोई तकनीकी अड़चन न आए, इसलिए रक्षा मंत्रालय से जुड़े विशेषज्ञ स्वयं राम मंदिर के मुख्य शिखर पर स्थापित कलश तक जाकर सभी पहलुओं को देख रहे हैं। वह इसका परीक्षण कर रहे हैं कि इतनी अधिक ऊंचाई पर धर्म ध्वजा किस तरह से निर्बाध फहराई जाए। यह पूरी तरह स्वचालित तकनीक पर आधारित होगा। इस पर आने वाला समस्त व्यय मंदिर ट्रस्ट वहन करेगा।
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम निर्धारित कर लिए हैं। इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) शीघ्र भेजा जाएगा। वहां से इस पर सहमति मिलेगी। इससे पहले आयोजन से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। नृपेंद्र मिश्र ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के जीर्णोद्धार से संबंधित कार्यों की भी समीक्षा की। बताया कि संग्रहालय में बनने वालीं 20 गैलरियों में पांच पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड होंगी। इनमें प्रदर्शन व तकनीक पर कार्य करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) चेन्नई की सहयोगी संस्था ‘परिवर्तन’ से अनुबंध किया जा रहा है। यह अंतिम चरण में है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार इस पर लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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