राम मंदिर में आसानी से दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, बुकिंग के तुरंत बाद मिलेगा पास
अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन अब सुगम होंगे। मंदिर ट्रस्ट ने बुकिंग के तुरंत बाद दर्शन पास देने की व्यवस्था शुरू की है। ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग से क्यूआर कोड वाला पास मिलेगा, जिससे श्रद्धालु निश्चित समय पर दर्शन कर सकेंगे। इस नई व्यवस्था से श्रद्धालुओं को लंबी लाइनों से मुक्ति मिलेगी और वे आसानी से दर्शन कर पाएंगे। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

राम मंदिर में आसानी से दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु।
लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। राम मंदिर में पास के माध्यम से दर्शन के निमित्त पहुंचने वाले दर्शनार्थियों की समस्या को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दूर कर दिया है। ट्रस्ट ने अब दर्शन व आरती पास की बुकिंग कराने वाले भक्तों को बुकिंग कन्फर्म होने के तुरंत बाद अपने आधिकारिक वाट्सएप अकाउंट से न केवल नोटिफिकेशन भेजना शुरू किया है, बल्कि पास की पीडीएफ फाइल भी भेजी जा रही।
यह नोटिफिकेशन के कंटेंट के साथ ही अटैच रहती है। इसके साथ उस मोबाइल नंबर पर टेक्स्ट मैसेज भेज कर पास बन जाने की सूचना भी दी जा रही है, जिसे भक्तों की ओर से बुकिंग के समय उपलब्ध कराया जाता है।
ट्रस्ट की इस सुविधा से श्रद्धालुओं को दर्शन पास के प्रिंटआउट के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है और तीर्थ यात्री सेवा केंद्रों के काउंटरों पर अनावश्यक भीड़ भी नहीं लग रही।
राम मंदिर के भूतल पर विराजमान रामलला व प्रथम तल पर प्रतिष्ठित राम दरबार का पास के माध्यम से दर्शन दो प्रकार से होता है। ट्रस्ट की ओर से इसके लिए सुगम व विशिष्ट दर्शन पास बनाया जाता है। सुगम पासधारक श्रद्धालुओं को रामजन्मभूमि पथ पर दायीं ओर आरक्षित लेन से प्रवेश दिया जाता है तो विशिष्ट पासवालों को रंगमहल बैरियर, गेट नंबर-दो से प्रवेश मिलता है।
राम मंदिर परिसर में भी इनके लिए अलग-अलग लेन आरक्षित की गई है। ये दर्शन पास आफलाइन व आनलाइन दोनों तरह से बनते हैं। आफलाइन पास ट्रस्टियों के साथ पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की अनुशंसा पर बनाए जाते हैं। इसी तरह से रामलला व राम दरबार की तीन आरतियों के लिए भी पास जारी किए जाते हैं।
दर्शन या आरती में जाने वाले पासधारक श्रद्धालुओं को प्रवेश के समय गेट पर सुरक्षाकर्मियों को पास का प्रिंटआउट दिखाना पड़ता है। इसी अनिवार्यता के चलते श्रद्धालु पास बन जाने के बाद भी परेशान रहते थे। कारण यह कि पहले बुकिंग के कन्फर्म होने के बाद ट्रस्ट की ओर से टेक्स्ट मैसेज तो भेजा जाता था, परंतु पीडीएफ फाइल नहीं।
पास की पीडीएफ फाइल या प्रिंटआउट प्राप्त करने के लिए भक्तों को यात्री सेवा केंद्रों के काउंटर तक जाना पड़ता था। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही चल रही इस समस्या को समाप्त करके ट्रस्ट ने टेक्स्ट मैसेज के साथ आधिकारिक वाट्सएप अकाउंट से तुरंत पीडीएफ फाइल भी भेजना प्रारंभ कर दिया है।
पीडीएफ मिल जाने से श्रद्धालु स्वयं प्रिंटआउट करा ले रहे हैं। राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने बताया कि श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए यह सुविधा शुरू की गई है।

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