अयोध्या में दीपोत्सव की तर्ज पर मनाया जाएगा विजयोत्सव, होगा भव्य रामलीला का आयोजन
अयोध्या में इस बार दीपोत्सव की तरह विजयोत्सव भी मनाया जाएगा। श्री अयोध्यास्थ रामलीला महोत्सव न्यास ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। रामलीला का आयोजन राम की पैड़ी परिसर में होगा और रावण वध का मंचन विजयोत्सव के रूप में होगा। 26 सितंबर से 3 अक्टूबर तक रामलीला होगी जिसमें संस्कार भारती के कलाकार भाग लेंगे। विजयोत्सव में 200 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा।

संवाद सूत्र, अयोध्या। दीपोत्सव की तर्ज पर विजयोत्सव मनाया जाएगा। दीपोत्सव श्रीराम के लंका विजय के बाद अयोध्या वापस लौटने की स्मृति में मनाया जाता है, जबकि विजयोत्सव उसी विजय दशमी के दिन मनाया जाएगा, युगों पूर्व जिस दिन श्रीराम ने रावण का वध किया था। इस विरासत को यादगार बनाने के लिए श्री अयोध्यास्थ रामलीला महोत्सव न्यास ने कमर कसी है।
यह वही न्यास है, जिसके संयोजन में 1949 से ही रामलीला का आयोजन किया जाता है। न्यास ने इस बार न केवल आयोजन के लिए राजेंद्र निवास के सामने का चिरपरिचित स्थल छोड़कर राम की पैड़ी परिसर के रम्य प्रांगण में लीला के आयोजन, बल्कि रावण वध के मंचन को भव्य विजयोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय किया है।
यह जानकारी न्यास के अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित पीठ बावन मंदिर के महंत वैदेही वल्लभशरण ने दी। वह समिति के संयोजक महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी के आश्रम तिवारी मंदिर में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के बाद रामलीला को भी भव्यता देने की भावना है और इसी क्रम में इस बार 26 सितंबर से तीन अक्टूबर तक प्रस्तावित रामलीला की प्रस्तुति के लिए संस्कार भारती के 45 सदस्यीय अति प्रशिक्षित कलाकारों के दल से वार्ता चल रही है।
महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने बताया लीला के दूसरे दिन भव्य राम बरात भी निकाली जाएगी। न्यास के महासचिव एवं भाजपा नेता हरीश श्रीवास्तव ने बताया कि विजयोत्सव के केंद्र में दो सौ फीट ऊंचे रावण का पुतला दहन होगा।
इस अवसर पर न्यास से जुड़े डॉ. प्रभाकर मिश्र, अंजनीकुमार ओझा, महंत राजीवलोचनशरण, महंत हरिमोहनशरण, चंद्रकांत अवस्थी आदि उपस्थित रहे।
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