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    आजमगढ़ में कैदियों ने जेल अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से लाखों रुपये कैसे उड़ाए? चार लोगों पर मुकदमा दर्ज

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 10:36 AM (IST)

    आजमगढ़ जिला जेल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दो कैदियों ने जेल अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर करके सरकारी खाते से लाखों रुपये निकाल लिए। वरिष्ठ सहायक की मिलीभगत से हुई इस धोखाधड़ी में, कैदियों ने जेल के चेकबुक को चोरी करके इस अपराध को अंजाम दिया। पुलिस ने जेल अधीक्षक की शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    जागरण संवाददाता, आजमगढ़। जिला जेल के सरकारी खाते से लाखों रुपये के ठगी का मामला प्रकाश में आया है। वरिष्ठ सहायक की मिली भगत से दो बंदियों ने जेल अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर कर जिला कारागार के खाते से लाखों रुपये निकाल लिए। जेल अधीक्षक आदित्य कुमार की तहरीर पर कोतवाली थाना की पुलिस ने चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    जेल अधीक्षक आदित्य कुमार ने बताया कि कारागार का सरकारी खाता मेरे नाम से था। जिसमें जेल में बंद बंदियों के काम का पैसा आता है। जेल के वरिष्ठ सहायक मुर्शिद अहमद उस खाते की जिम्मेदारी दी गई थी। मुर्शिद के कार्यालय में बंदी रामजीत यादव उर्फ संजय व शिवशंकर यादव उर्फ गोरख व का आना जाना होता था।

    20 मई 2024 को रामजीत रिहा हो गया, कर्मियों के मिली भगत से जिला कारागार का चेकबुक भी चोरी कर लेते चला गया। चेकबुक पर फर्जी साइन कर वह खाते से लाखों रुपये निकाल लिया। जेल अधीक्षक के तहरीर रामजीत, शिवशंकर, अवधेश पांडेय और मुर्शिद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

    पहले 10 से 20 हजार, फिर लाखों रुपये का करने लगा था निकासी

    रामजीत यादव जेल से छूटने के बाद जेल का ठेकेदार बनकर चौक स्थित केनरा बैंक में चेक लेकर जाता था। शुरूआत में वह दस से बीस हजार रुपये निकालता था। भरोसा बनने के बाद फिर वह लाखों रुपये भर खाते से निकालने लगा।

    मामले की जानकारी तब हुई जब एक बड़ी रकम बिना किसी के जानकारी के निकल गई। कोतवाल यादवेंद्र पांडेय ने बताया कि मामला दर्ज जांच की जा रही है, फिलहाल कितने रुपये कि निकासी हुई है यह अभी पता नहीं चल सका है।