आजमगढ़ में फर्जी शिक्षिका की नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई
आजमगढ़ के एक बालिका विद्यालय में पांच शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया। हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शिक्षा निदेशक ने नियुक्तियां रद्द कर दीं और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया। बीएसए द्वारा मुकदमा दर्ज कराने के बाद भी शिक्षिकाओं को वेतन मिलता रहा जिसके बाद उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। सगड़ी तहसील के सरदहां स्थित श्रीमती परमा देवी जायसवाल बालिका विद्यालय में पांच शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति का प्रकरण सामने आने के बाद हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से कार्रवाई की गई है। शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रताप सिंह बघेल ने फर्जी नियुक्ति को निरस्त कर दिया। दोषी प्रबंधक तथा वेतन जारी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई का भी आदेश दिया है।
श्रीमती परमा देवी जायसवाल बालिका विद्यालय सरदहां में शिक्षिकाओं की नियुक्तियों में अनियमितता मामला उजागर होने पर बीएसए राजीव पाठक ने जांच के आधार पर सिधारी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बावजूद इसके शिक्षिकाएं स्कूल जाती रहीं और उनका वेतन भी जारी होता रहा।
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अगस्त में बीएसए ने इन शिक्षिकाओं को स्कूल आने से रोकने का पत्र भी जारी किया था। इसी बीच एक शिक्षिका हाईकोर्ट चलीं गईं। जब हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक (बेसिक) काे तलब किया तो उन्होंने शिक्षिकाआें की नियुक्ति को रद हुए नियुक्ति करने वाले प्रबंधक और वेतन जारी करने वाले अधिकारियाें पर कार्रवाई का आदेश दिया। इस प्रकरण की शिकायत नव जागृति सेवा संस्थान ने प्रबंधक की मिलीभगत से पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति की शिकायत शिक्षा निदेशक, मंडलायुक्त और प्रमुख सचिव से की थी।
जिसके बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक को इस प्रकरण की जांच मिली। जिसमें उन्होंने पांच शिक्षिकाओं नमिता जायसवाल, चंदा शुक्ला, उर्मिला यादव, वंदना यादव और सुमन यादव की नियुक्ति फर्जी पाया। जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए राजीव पाठक ने 12 मार्च को सिधारी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिक्षिकाएं पूर्व की भांति विद्यालय जातीं रहीं और वेतन भुगतान भी होेता रहा।
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इस पर बीएसए ने पत्र जारी का उनके विद्यालय जाने पर रोक लगा दी। इस पर शिक्षिका नमिता जायसवाल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक बेसिक को तलब किया। लेकिन हाईकोर्ट जाने से पहले निदेशक ने शिक्षिकाओं की नियुक्ति को निरस्त कर कार्रवाई से अवगत कराया। जांच में फर्जी नियुक्ति की पुष्टि होने के बाद भी वेतन जारी करने के दोषी अधिकारियों व नियुक्ति करने वाले प्रबंधक के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है।
इनपर भी कार्रवाई का आदेश
फर्जी नियुक्ति प्रकरण में विद्यालय प्रबंधक जयकिशन लाल गुप्त, बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक रमेश यादव, मंडलीय शिक्षा निदेशक वैयत्तिक सहायक रामबचन यादव, समग्र शिक्षा अभियान के डिस्पैचर बृजेश विश्वकर्मा, तत्कालीन प्रभारी बीएसए एवं सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक मनोज कुमार मिश्र, तत्कालीन बीएसए समीर, तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद बरनवाल, तत्कालीन लेखाकार अजय कुमार, वर्तमान बीएसए राजीव पाठक को प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए है। शिक्षा निदेशक बेसिक प्रताप सिंह बघेल ने इन दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बोले अधिकारी
‘‘शिक्षा निदेशक बेसिक की तरफ से पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है। इस प्रकरण में मुझे भी कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था। अब इस मामले में कोई कोई कार्रवाई शेष नहीं है। -राजीव पाठक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।
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