Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: फर्जी नियुक्ति प्रकरण में 5 शिक्षिकाओं की नौकरी रद्द, HC के संज्ञान में लेने पर की गई कार्रवाई

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 05:01 PM (IST)

    आजमगढ़ के एक बालिका विद्यालय में पांच शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया था जिसके बाद हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया। शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया है और दोषी प्रबंधक व वेतन जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया है। शिकायत के बाद हुई जांच में नियुक्तियां फर्जी पाई गईं जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

    Hero Image
    फर्जी नियुक्ति प्रकरण में पांच शिक्षिकाओं की नौकरी रद्द।

    जागरण संवाददाता, आजमगढ़। सगड़ी तहसील के सरदहां स्थित श्रीमती परमा देवी जायसवाल बालिका विद्यालय में पांच शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति का प्रकरण सामने आने के बाद हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से कार्रवाई की गई है। शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रताप सिंह बघेल ने फर्जी नियुक्ति को निरस्त कर दिया। दोषी प्रबंधक तथा वेतन जारी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई का भी आदेश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रीमती परमा देवी जायसवाल बालिका विद्यालय सरदहां में शिक्षिकाओं की नियुक्तियों में अनियमितता मामला उजागर होने पर बीएसए राजीव पाठक ने जांच के आधार पर सिधारी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बावजूद इसके शिक्षिकाएं स्कूल जाती रहीं और उनका वेतन भी जारी होता रहा। अगस्त में बीएसए ने इन शिक्षिकाओं को स्कूल आने से रोकने का पत्र भी जारी किया था। इसी बीच एक शिक्षिका हाईकोर्ट चलीं गईं। जब हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक (बेसिक) काे तलब किया तो उन्होंने शिक्षिकाओं की नियुक्ति को रद्द हुए नियुक्ति करने वाले प्रबंधक और वेतन जारी करने वाले अधिकारियाें पर कार्रवाई का आदेश दिया।

    इस प्रकरण की शिकायत नव जागृति सेवा संस्थान ने प्रबंधक की मिलीभगत से पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति की शिकायत शिक्षा निदेशक, मंडलायुक्त और प्रमुख सचिव से की थी। जिसके बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक को इस प्रकरण की जांच मिली। जिसमें उन्होंने पांच शिक्षिकाओं नमिता जायसवाल, चंदा शुक्ला, उर्मिला यादव, वंदना यादव और सुमन यादव की नियुक्ति फर्जी पाया। जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए राजीव पाठक ने 12 मार्च को सिधारी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    शिक्षिकाएं पूर्व की भांति विद्यालय जातीं रहीं और वेतन भुगतान भी होता रहा। इस पर बीएसए ने पत्र जारी का उनके विद्यालय जाने पर रोक लगा दी। इस पर शिक्षिका नमिता जायसवाल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक बेसिक को तलब किया। लेकिन हाईकोर्ट जाने से पहले निदेशक ने शिक्षिकाओं की नियुक्ति को निरस्त कर कार्रवाई से अवगत कराया। जांच में फर्जी नियुक्ति की पुष्टि होने के बाद भी वेतन जारी करने के दोषी अधिकारियों व नियुक्ति करने वाले प्रबंधक के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है।

    इनके ऊपर भी कार्रवाई का आदेश

    फर्जी नियुक्ति प्रकरण में विद्यालय प्रबंधक जयकिशन लाल गुप्त, बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक रमेश यादव, मंडलीय शिक्षा निदेशक वैयत्तिक सहायक रामबचन यादव, समग्र शिक्षा अभियान के डिस्पैचर बृजेश विश्वकर्मा, तत्कालीन प्रभारी बीएसए एवं सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक मनोज कुमार मिश्र, तत्कालीन बीएसए समीर, तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद बरनवाल, तत्कालीन लेखाकार अजय कुमार, वर्तमान बीएसए राजीव पाठक को प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए है। शिक्षा निदेशक बेसिक प्रताप सिंह बघेल ने इन दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

    शिक्षा निदेशक बेसिक की तरफ से पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है। इस प्रकरण में मुझे भी कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था। अब इस मामले में कोई कोई कार्रवाई शेष नहीं है।- राजीव पाठक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।

    यह भी पढ़ें- आजमगढ़ में डिघिया नाले पर खतरा बिंदु से 35 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया सरयू नदी का जलस्तर, देखें वीड‍ियो...

    comedy show banner
    comedy show banner