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    जेल के खाते से 53 लाख निकालने के मुख्य आरोपित की मां गिरफ्तार

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 12:06 PM (IST)

    आजमगढ़ जिला कारागार से 52.85 लाख रुपये निकालने के मामले में मुख्य आरोपी रामजीत की मां सतमी देवी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रामजीत ने जेल से छूटते ही चेकबुक चुराई और फर्जी हस्ताक्षर करके पैसे निकाले थे। इस मामले में जेल अधीक्षक निलंबित हो चुके हैं और पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

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    पुलिस ने मुख्य आरोपित बंदी रामजीत की मां सतमी देवी को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है।

    जागरण संवाददाता, आजमगढ़। जिला कारागार के पारिश्रमिक बंदी खाते से जेल अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर कर 52.85 लाख रुपये निकालने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित बंदी रामजीत की मां सतमी देवी को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है।

    पुलिस अधीक्षक डा. अनिल कुमार ने बताया कि रामजीत की पत्नी नीतू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। इस मामले में पहले ही रामजीत, जेल अकाउटेंट मुशीर अहमद, चौकीदार अवधेश पांडेय और बंदी शिवशंकर को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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    रामजीत यादव, जो आजमगढ़ के बिलरियागंज का निवासी है, 20 मई 2024 को जमानत पर रिहा होते समय जेल के अकाउटेंट मुशीर अहमद, चौकीदार अवधेश पांडेय और एक अन्य बंदी शिवशंकर यादव उर्फ गोरख की मदद से कारागार के पारिश्रमिक खाते की चेकबुक और मुहर चुरा ले गया।

    उसने चेकबुक पर जेल अधीक्षक आदित्य कुमार के फर्जी हस्ताक्षर कर 18 माह में 52.85 लाख रुपये निकाल लिए। रामजीत ने निकाली गई रकम में से अपनी पत्नी नीतू यादव के खाते में 2.40 लाख, मां सतमी देवी के खाते में तीन लाख और अन्य खातों में करीब 30 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे।

    इस मामले में जेल अधीक्षक आदित्य कुमार को निलंबित कर दिया गया है। श्रावस्ती जेल के अधीक्षक आशीष रंजन को आजमगढ़ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि रामजीत ने अपने आपराधिक कृत्यों को अंजाम देने के लिए जेल के अंदर मौजूद अन्य कर्मचारियों की मदद ली थी।

    पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया है और अब नीतू की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। इस घटना ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और इसे लेकर उच्च अधिकारियों ने गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है।