आजमगढ़ मंडलायुक्त से मिले सपाई, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मुद्दे पर कार्रवाई का आश्वासन
आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंडलायुक्त से मिलकर राजकीय मेडिकल कालेज के 110 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य शासनादेश के विरुद्ध काम कर रहे हैं। मंडलायुक्त ने प्रधानाचार्य को फोन करके कर्मचारियों को तुरंत काम पर रखने का निर्देश दिया।

जागरण संवाददाता, चक्रपानपुर (आजमगढ)। राजकीय मेडिकल कालेज व सुपर फैसिलिटी अस्पताल के 110 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का मामला सोमवार को मंडलायुक्त विवेक कुमार के पास पहुंचा। सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव के नेतृत्व में चार विधायकों दुर्गा प्रसाद यादव, डाक्टर संग्राम यादव, अखिलेश यादव तथा पूजा सरोज का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल सिधारी स्थित कमिश्नरी आफिस में मंडलायुक्त से मुलाकात की।
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सपाइयों के इस मुलाकात के दौरान जुलाई से 110 कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने का मामला उठाया गया। प्रतिनिधिमंडल ने राजकीय मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डाक्टर बीके राव पर शासनादेश के विरूद्ध सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को सेवा से हटाने का आरोप लगाया। सपा नेताओं ने कहा कि 18 फरवरी 2024 को मुख्य सचिव के आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी आउटसोर्सिंग के कर्मी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा।
इसी क्रम में सदन में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि कंपनी कोई भी आए। आउटसोर्सिंग कर्मचारी उसी विभाग व पद पर कार्यरत रहेगा। वहीं 19 मार्च 2025 के शासनादेश में भी स्पष्ट किया गया कि कोरोना काल में सेवा दे चुके किसी भी आउटसोर्सिंग कर्मचारी को सेवा से न निकाला जाए।
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नियम और कायदों के बावजूद वर्ष 2012 से कार्यरत इन कर्मियों को जबरन हटा दिया गया, जो न्यायोचित नहीं है। प्रार्थना पत्र व शासनादेश को देखकर मंडलायुक्त ने प्रधानाचार्य से दूरभाष पर बात कर इन कर्मियों को तत्काल सेवा में लेने का निर्देश दिया। इसके बाद इन कर्मियों ने प्रधानाचार्य डाक्टर बीके राव से मुलाकात की। तत्पश्चात कर्मियों ने बताया कि प्रधानाचार्य ने लिखित आदेश की मांग की है ।
बोले अधिकारी
सपाइयों से मुलाकात के बाबत पूछे जाने पर प्रधानाचार्य डाक्टर बीके राव ने बताया कि मैंने मंडलायुक्त से शासनादेश का हवाला दिया। उन्हें बताया कि विभागीय आदेश है कि गार्ड की तैनाती सैनिक कल्याण निगम से ही की जाए। कहा कि जब तक कोई आदेश निर्गत नहीं हो जाता है तब तक इन कर्मियों को कैसे रखा जा सकता है।
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