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    Badaun Double Murder Case: दोहरे हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा, हत्या में भाई भी शामिल; तीन गिरफ्तार

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 11:45 AM (IST)

    बदायूं के दातागंज में विपिन ने अपनी मौसी और मौसेरी बहन की हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार विपिन अपने भाई की शादी के लिए जयंती से पैसे मांग रहा था। इनकार करने पर उसने इस वारदात को अंजाम दिया। विपिन के दोनों भाइयों ने सबूत मिटाने में उसकी मदद की जिसके चलते वे भी गिरफ्तार हुए। पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया है।

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    मौसी और मौसेरी बहन की हत्या की जानकारी देते पुलिस अधिकारी।

    जागरण संवाददाता, बदायूं। दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव बीरमपुर में सगी मौसी और मौसेरी बहन की हत्या करने वाले विपिन के दो भाइयों का भी इसमें हाथ निकला। उन्होंने साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया था, जिस चाकू से गोदकर हत्या की गई थी। उसे नजदीक के धान के खेत में फेंक दिया गया था और जयंती के दो मोबाइल छिपाने का प्रयास किया था। इससे दोनों भाइयों को भी गिरफ्तार कर लिया।

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    उन्होंने पूछताछ में कबूल किया कि वह मजले भाई की शादी कराने को जयंती से दो लाख उधार मांग रहे थे। जब उसने रुपये नहीं दिए तो जयंती की हत्या कर दी। जब मौसी को पता चला तो उनको भी मार डाला। पुलिस ने तीनों भाइयों को रविवार दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

    पुलिस के मुताबिक मझले भाई की शादी कराने को जयंती से दो लाख रुपये मांग रहा था विपिन

    रविवार दोपहर एसएसपी डॉक्टर बृजेश कुमार सिंह ने इस दोहरे हत्याकांड का राजफाश करते हुए बताया कि 14 अगस्त की रात दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव बीरमपुर में 70 वर्षीय शांति देवी और उनकी 35 वर्षीय बेटी जयंती की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां विपिन नाम का युवक घायल अवस्था में मिला।

    पूछताछ में पुलिस को दी जानकारी, हाथ में चाकू लगने से हुआ था शक

    वह मूलरूप से हजरतपुर थाना क्षेत्र के गांव चितरी का रहने वाला है। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने कई बार अपने बयान बदले। उसको हाथ में चाकू लगा था। इससे पुलिस को शक हो गया था कि इस दोहरे हत्याकांड में उसका हाथ है। ज्यादा गहराई से पूछताछ की गई तो पता चला कि विपिन तीन भाई हैं और तीनों भाई अपनी जमीन बेचकर यहां बीरमपुर में मकान बनाकर रह रहे हैं। शांति देवी उनकी मौसी थीं और जयंती मौसेरी बहन थी।

    दोहरे हत्याकांड के बाद उसके भाइयों ने बनाई थी लूटपाट और बदमाशों द्वारा हत्या की कहानी

    जयंती की शादी वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव रोटा में हुई थी। वहां उसको 12 बीघा जमीन थी, जिसमें से सात बीघा जमीन अभी कुछ दिन पहले ही बेची थी, जिसका करीब 28 लाख रुपया मिला था। उससे जयंती ने बीरमपुर में ही अपना मकान बनवा लिया था और उसमें ही अपनी मां के साथ रह रही थी। पूछताछ में विपिन ने बताया था कि वह तीनों भाई अविवाहित हैं। वह अपने मजले भाई विमल की शादी आजमगढ़ से करना चाहता था। इसके लिए दो लाख रुपयों की जरूरत थी। उसने जयंती से दो लाख रुपये मांगे थे।

    रुपये न देने से नाराज था

    अपने मौसेरे भाइयों से भी सिफारिश डलवाई थी लेकिन जयंती ने फिर भी उसे रुपये नहीं दिए थे, जिससे वह नाराज था। 14 अगस्त की रात वह घर के बाहर चाकू लेकर सो रहा था। रात करीब दो बजे उसने दरवाजा खटखटाया। जब जयंती ने घर का दरवाजा खोला तो उसने सबसे पहले मारपीट की। फिर जयंती की चाकू गोदकर हत्या कर दी। उसकी चीख-पुकार सुनकर मौसी उठ गईं तो उनको भी चाकू गोदकर मार डाला। उसने घर जाकर अपने भाइयों को जानकारी दी, तो उसके भाई अवनीश और विमल ने धान के खेत में भरे पानी से उसके हाथ पैर धोए और उससे चाकू लेकर धान के खेत में फेंक दिया।

    जयंती के दो मोबाइल भी छिपा दिए। इससे पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया। उन्हें साक्ष्य मिटाने का आरोपित बनाया गया। रविवार दोपहर बाद तीनों भाइयों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। एसएसपी ने टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।

    नामजद आरोपितों के खिलाफ भी चलेगी जांच

    इस दोहरे हत्याकांड में जयंती के भाई संजू सिंह ने वजीरगंज के रोटा निवासी संजीव, पिंकु, सुरेंद्र सिंह, प्रदीप सिंह और कब्बाली को भी नामजद किया है। बताया जा रहा है कि इसमें शामिल संजीव और पिंकू ने उसकी जमीन खरीदी थी। उन पर करोड़ों की जमीन सस्ते में खरीदने का आरोप था। इससे जयंती ने उनके खिलाफ न्यायालय में मुकदमा भी दायर कराया था जबकि सुरेंद्र, प्रदीप और कब्बाली जयंती के ससुराल वाले हैं। इन्हें भी जमीन बिकने का दुख था और उसका विरोध कर रहे थे। अभी यह मामला खत्म नहीं हुआ है। सभी नामजद आरोपितों को शक के दायरे में लेते हुए इसकी विवेचना होगी।

    जयंत को 23 और शांति देवी को मारे थे 22 बार चाकू

    हत्या करने के दौरान एक बार भी विपिन को यह ख्याल नहीं आया था कि शांति देवी उसकी मौसी हैं और जयंती उसकी मौसेरी बहन है। वह दोनों के ऊपर ताबड़तोड़ वार करता रहा। उसने जयंती को 23 और शांति देवी को 22 बार चाकू मारे थे और खुद की कलाई कट गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है। वहीं विपिन के हाथ में तीन जगह चाकू लगा था।