Badaun News: दोहरे हत्याकांड से सहम गया था परौली, सड़क पर कई घंटे पड़ी रही थीं लाशें
बदायूं के परौली गांव में पिछले साल हुए दोहरे हत्याकांड ने पूरे इलाके को दहला दिया था। प्रेमी युगल जयपाल और नीतू की हत्या उनके परिजनों ने ही कर दी थी। प्रेम प्रसंग के चलते दोनों परिवारों में पहले से ही विवाद था। अदालत ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है लेकिन सरकारी वकील फांसी की सजा के लिए अपील करेंगे।

जागरण संवाददाता, बदायूं। पिछले साल जनवरी में हुए दोहरे हत्याकांड से बिल्सी क्षेत्र का गांव परौली सहम गया था। सड़क पर प्रेमी युगल की लाशें पड़ी हुई थी और उनके कोई भी नजदीक जाने तक को तैयार नहीं था। गांव के लोगों को ऐसा लग रहा था कि कहीं हत्यारोपित आसपास न छिपे हों और वह उनके ऊपर हमला न कर दें। क्योंकि उस दौरान जाड़े का समय था। सुबह चार बजे घना कोहरा छाया हुआ था। इससे पुलिस भी कुछ देरी से गांव पहुंची थी। तब तक गांव के लोग अपने-अपने घरों से बाहर नहीं निकले थे।
परौली गांव के सूरजपाल का 20 वर्षीय बेटा जयपाल उर्फ सचिन हिमाचल प्रदेश में प्राइवेट नौकरी करता था। उसका कई साल से महेश की बेटी नीतू से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वह जब भी गांव आता था, तब नीतू से मुलाकात होती थी। इस बात को लेकर कई बार दोनों परिवारों के बीच विवाद भी हो चुका था, जिससे सूरजपाल और उनके परिवार वालों ने जयपाल को हिमाचल प्रदेश भेज दिया था।
इस हत्याकांड से दो दिन पहले ही जयपाल अपने गांव आया था और उसका प्लान था कि वह इस बार नीतू को भी अपने साथ ले जाएगा, जिससे नीतू कपड़े पहन कर तैयार होकर उसके घर चली आई थी लेकिन उसके बारे में परिवार के अन्य लोगों को जानकारी नहीं थी। जब सुबह चार बजे महेश और उसके परिवार वाले उन्हें ढूंढते हुए उनके घर पर आए। तब उन्हें पता चला कि नीतू भी उनके घर में आकर बैठ गई है। उस दौरान महेश और उसके परिवार वालों के ऊपर खून सवार था। वह उनके घर के दरवाजे पर फावड़ा और लाठी डंडे मार रहे थे, जिससे नीतू और जयपाल ने घर से निकलकर भागने का प्रयास किया था। इस दौरान महेश और उसके परिवार वालों ने दोनों को दरवाजे पर ही पकड़ लिया और उनके ऊपर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। वह उस दौरान तक उनको मारते रहे थे, जब तक उनकी मृत्यु नहीं हो गई।
जयपाल को बचाने के चक्कर में चली गई थी नीतू की जान
इस हत्याकांड को लेकर कुछ लोगों का यह भी कहना है कि हत्यारोपित महेश और उसके परिवार वालों ने पहले जयपाल उर्फ सचिन के ऊपर हमला किया था। वह उसके ऊपर ताबड़तोड़ हमला कर रहे थे और महेश हावड़ा से उसकी गर्दन काट रहा था। नीतू उसे बचाने का प्रयास कर रही थी। वह अपने मां-बाप के पैर भी पकड़ रही थी लेकिन उन्हें किसी प्रकार की दया नहीं आ रही थी। बाद में उन्होंने नीतू के ऊपर भी हमला कर दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नीतू के शरीर पर पांच और जयपाल के शरीर पर 11 घाव थे। दोनों की गर्दन काट दी गई थी।
हत्यारों को होनी चाहिए थी फांसी की सजा, करेंगे अपील
अपर शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार गुप्ता का कहना है कि यह हत्याकांड जघन्य था। उन्होंने किस तरह हत्याकांड को अंजाम दिया था। यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चल रहा है। नीतू के शरीर पर पांच और जयपाल के शरीर पर 11 घाव थे। दोनों की गर्दन कटी हुई थी। इसमें हत्यारों को फांसी की सजा होनी चाहिए थी लेकिन न्यायालय ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। वह इससे संतुष्ट नहीं है। वह इसमें अपील करेंगे।
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