Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Badaun News: फसल खराब होने की 72 घंटे में दें सूचना, मिलेगा बीमा का लाभ

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 02:41 PM (IST)

    बदायूं जिले में 37969 किसानों ने खरीफ की फसलों का बीमा कराया है जिसमें धान मक्का बाजरा उड़द और तिल शामिल हैं। किसानों को दो प्रतिशत प्रीमियम देना होगा। धान के लिए 76300 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा मिलेगा। फसल के नुकसान की सूचना 72 घंटे में देनी होगी। किसान टोल फ्री नंबर 14447 पर कॉल कर सकते हैं।

    Hero Image
    फसल खराब होने की 72 घंटे में दें सूचना, मिलेगा बीमा का लाभ

    जागरण संवाददाता, बदायूं। जिले में खरीफ की फसल में धान, मक्का, बाजरा, उड़द, तिल की फसल का 37969 किसानों ने बीमा कराया। बताया गया कृषकों से दो प्रतिशत प्रीमियम दर जमा कराया गया। धान में 76300 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से भुगतान मिलेगा। बताया फसल बर्बाद होने की किसान को 72 घंटे में सूचना देनी होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राकृतिक आपदाओं से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा किसान को मिल जाता है। जिले में जिले में खरीफ सीजन की फसलों में धान, मक्का, बाजरा, उड़द, तिल को रखा गया। यहां धान की पैदावार भी अधिक होती है। जिले में खरीफ की फसलों का 37969 किसानों ने बीमा कराया। किसानों को बीमा का दो प्रतिशत जमा करना पड़ा। जबकि अन्य धनराशि सरकार द्वारा दी जाती है।

    धान की फसल का किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 76300 रुपये दिए जाते हैं। बीमा के लिए किसान को 1526 रुपये प्रति हेक्टेयर जमा करने हाेते हैं। इसी तरह मक्का की फसल का 53100 प्रति हेक्टेयर बीमा होने पर दिया जाता है, जबकि बीमा के लिए किसान को प्रति हेक्टेयर 1062 रुपये जमा करने पड़ते हैं।

    बाजरा में 45900 रुपये मिलते हैं। इसमें 918 रुपये जमा करने पड़ते हैं। तिल में 12200 रुपये मिलते हैं। इसमें 244 रुपये जमा करने पड़ते हैं। उड़द में 75100 रुपये मिलते हैं। 1502 रुपये का प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीमा होता है।

    जनपद में खरीफ की पांच फसलों का बीमा होता है। इस वर्ष 37969 किसानों ने बीमा को कराया है। फसल बर्बाद होने के 72 घंटे में किसान को सूचना देनी होती है। जिससे उसका सर्वे कर रिपोर्ट भेजी जा सके। बताया किसान टोल फ्री नंबर 14447 पर काल कर जानकारी दे सकता है। या फिर कृषि कार्यालय में जाकर जानकारी दे सकता है।- मनोज कुमार, उपकृषि निदेशक