Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Badaun News : अपहरण के दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा, भुगतना होगा इतना जुर्माना

    बदायूं जिले में अपहरण के एक पुराने मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश कु. रिंकू ने प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला 2004 का है जिसमें राम भरोसे नामक व्यक्ति का अपहरण हुआ था। पुलिस मुठभेड़ में राम भरोसे को छुड़ा लिया गया था।

    By Ankit Gupta Edited By: Shivgovind Mishra Updated: Thu, 28 Aug 2025 04:20 PM (IST)
    Hero Image
    अपहरण के दो दोषियों को आजीवन कारावास। जागरण

    जागरण संवाददाता, बदायूं । अपहरण करने के दो आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही उन पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। यह सजा विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र कु. रिंकू ने सुनाई है। इस मामले में एक आरोपित के अब तक फरार होने पर उसकी पत्रावली प्रथक कर दी गई है। जबकि एक अन्य आरोपित की दौरान मुकदमा मृत्यु हो गई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अभियोजन पक्ष के अनुसार, थाना उसावा क्षेत्र के गांव गौतरा निवासी रामस्वरूप ने पुलिस को दी तहरीर में 13 जनवरी 2004 को बताया था कि 12 जनवरी 2004 उसके बड़े भाई नन्हे व राम भरोसे अपने खेतों में गेहूं व मसहूर की रखवाली करके घर आ रहे थे। रास्ते में गौतरा व वौरा के बीच रात आठ बजे चार पांच बदमाश मिले और दोनों भाई नन्हे व राम भरोसे को पकड़ कर ले जाने लगे।

    भाई को पकड़ ले गए बदमाश

    बड़े भाई नन्हे बदमाशों के चंगुल से किसी तरह छूट कर भाग आए। लेकिन दूसरे भाई राम भरोसे को बदमाश पकड़ कर ले जाने में सफल रहे। बदमाशों को हमने अपनी मां उनकी टोर्च की रोशनी में पहचाना है।  बताया था कि हम उनके नाम नहीं जानते। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। 25 जनवरी 2004 को थाना परौर जिला शाहजहांपुर पुलिस द्वारा बदमाशों से मुठभेड़ में अपहृत राम भरोसे को पुलिस ने छुड़ा लिया।

    न्यायालय में जिला शाहजहांपुर के थाना परौर के गांव भूड़ा गणेशपुर निवासी मनीष, थाना परौर के गांव जूही निवासी पूरन पर रामभरोस के अपहरण का मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया।

    आरोपी दोषी करार

    एडीजीसी संजीव कुमार गुप्ता और बचाव पक्ष अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद दोनों आरोपीतो को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं तीसरे आरोपित इकरार फरार हो गया था। उसकी पत्रावली पृथक कर दी गई है। जबकि चौथे आरोपित जय सिंह की दौरान मुकदमा मृत्यु हो गई।