8000 की रिश्वत लेते दबोचा गया नगर पालिका का संप्रति मानचित्रकार, मकान का नक्शा पास कराने के लिए मांगे थे 20 हजार
बदायूं जिले के सहसवान नगर पालिका में तैनात मानचित्रकार अंसार हुसैन को एंटी करप्शन टीम ने 8 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोप है कि उसने मकान का नक्शा पास कराने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की थी। शिकायत मिलने पर टीम ने जाल बिछाकर उसे पकड़ा। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

संवाद सहयोगी, सहसवान। बुधवार को जिले में एक और रिश्वतखोर कर्मचारी की संख्या बढ़ गई। सहसवान नगर पालिका में तैनात संप्रति मानचित्रकार अंसार हुसैन आठ हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। वह बिना रिश्वत के मकान का नक्शा पास नहीं कर रहा था और इसके एवरेज में 20 हजार रुपये मांग रहा था। थक हारकर मकान मालिक ने आठ हजार रुपये तय कर लिए और इसकी सूचना एंटी करप्शन टीम को भी सूचना दे दी, जिस पर टीम में बुधवार दोपहर उसे दबोच लिया और उसके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। देर रात टीम उसे बरेली ले गई।
नगर के मुहल्ला दहलीज निवासी सिबतेन अली पुत्र अजहर अली काफी समय से अपना मकान बनवाने के प्रयास में थे। उन्होंने उसका नक्शा पास कराने के लिए नगर पालिका में आवेदन किया था। उन्होंने बताया कि यहां नगर पालिका में कस्बे का ही अंसार हुसैन संप्रति मानचित्रकार (ड्राफ्टमैन) है। उसके पास नक्शा पास कराने की फाइल रखी हुई थी।
वह काफी समय से लगातार अपना नक्शा पास कराने को नगर पालिका के चक्कर लगा रहे थे लेकिन अंसार हुसैन इसके एवरेज में 20 हजार रुपये मांग रहा था। उन्होंने अंसार हुसैन को अपनी मजबूरी भी बताई थी लेकिन वह नक्शा पास करने को तैयार नहीं हुआ। तब उन्होंने आठ हजार रुपये में बात तय कर ली और इसके साथ ही मंगलवार को एंटी करप्शन टीम को सूचना दे दी, जिस पर टीम ने उसे रंगे हाथ दबोचने को योजना बना ली और उसके अनुसार बुधवार दोपहर रुपये देने का समय तय हुआ।
सिबतेन अली दोपहर करीब डेढ़ बजे रुपये लेकर नगर पालिका पहुंचे। उस दौरान आरोपित अपने कक्ष में बैठा हुआ था और बाहर एंटी करप्शन टीम ने घेराबंदी शुरू कर दी। जैसे ही सिबतेन अली ने रिश्वतखोर कर्मचारी अंसार हुसैन को आठ हजार रुपये पकड़ाए कि तभी टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया और तत्काल उसे पकड़कर गाड़ी में बैठा लिया। उसे बदायूं के सिविल लाइंस थाने ले जाया गया, जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। बताया जा रहा है कि देर शाम तक उसके खिलाफ कार्रवाई चलती रही और फिर टीम उसे बरेली ले गई, जहां सुबह उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।
लंबे समय से रिश्वतखोरी में लिप्त था अंसार हुसैन
स्थानीय कर्मचारियों का भी कहना है कि आरोपित अंसार हुसैन काफी लंबे समय से नक्शा पास कराने के रुपये ले रहा था। नगर पालिका में जिसका भी नक्शा पास कराने को आवेदन आता था। वह बिना रुपये लिए उसका नक्शा पास नहीं करता था, जो रुपये नहीं देता था। उसकी फाइल लंबित रहती थी। इसमें कुछ हिस्सा नक्शा बनाने वाले का भी रहता था। हालांकि नगर पालिका अध्यक्ष बाबर मियां का कहना है कि नक्शा बनाने और नक्शा पास करने की फीस पांच हजार रुपये है। अगर इससे ज्यादा रुपये लेता है, तो वह अवैध माने जाते हैं। इसके हिसाब से सिबतेन अली जो आठ हजार रुपये दे रहे थे। उसमें तीन हजार रुपये आरोपित अंसार हुसैन की जेब में जा रहे थे।
सहसवान में रिश्वतरखोरी का दूसरा केस
वैसे तो जिले भर के कई इलाकों में कई रिश्वतखोर कर्मचारी पकड़े जा चुके हैं। इनमें कोतवाली, सिविल लाइंस, कादरचौक, इस्लामनगर, बिल्सी, बिसौली समेत कई इलाकों में पुलिस प्रशासनिक कर्मचारी शामिल हैं। सहसवान में यह दूसरा केस है। इससे पहले आठ सितंबर को कोतवाली में एसएसआई कमलेश सिंह 12 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गए थे। उससे पहले इस्लामनगर में एक महिला इंस्पेक्टर 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ी गई थी। हालांकि, अब वह रिटायर्ड हो चुकी है। बदायूं शहर में भी एक नगर पालिका कर्मचारी पकड़ा गया था। अब तक राजस्व विभाग में कई लेखपाल पकड़े जा चुके हैं। इसके बावजूद रिश्वतखोरी बंद नहीं हो रही है।

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