बदायूं के दहगवां में 14 वर्षीय छात्र मयंक यादव की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। वह छत पर बंदरों को भगा रहा था तभी स्टील का पाइप हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही बालक का अंतिम संस्कार कर दिया।
संवाद सूत्र, बदायूं । बुधवार सुबह दहगवां चौराहे पर अपने दो मंजिला मकान की छत पर बंदरों को भगा रहे 14 वर्षीय छात्र मयंक यादव की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मृत्यु हो गई। उसके हाथ में स्टील का पाइप लगा था। वह बंदरों को भगाने का प्रयास कर रहा था। जैसे ही उसने बंदरों को भगाने को पाइप उठाया कि वह हाईटेंशन लाइन से जा टकराया। स्वजन उसे निजी अस्पताल भी ले गए लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई।
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दोपहर बाद स्वजन ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर कलां निवासी विजय यादव पुलिस विभाग में फतेहपुर में तैनात हैं। उन्होंने दहगवां चौराहे पर अपना दो मंजिला मकान बनवा लिया है और वही उनका पूरा परिवार रह रहा है। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा बाबा इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 11 का छात्र है छोटा 14 वर्षीय मयंक यादव कक्षा सात का छात्र था। स्वजन के मुताबिक बुधवार सुबह करीब 7:30 बजे मयंक यादव अपने स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था। उसने स्कूल की ड्रेस पहन ली थी और जूता पहन रहा था।
छत पर आकर उत्पात मचाने लगा बंदर
उसी दौरान अचानक बंदरों का झुंड उनके घर की छत पर आ गया। वह छत के ऊपर उत्पात मचा रहे थे। यह देखकर मयंक यादव अपने हाथ में स्टील का पाइप लेकर घर की छत पर चढ़ गया और बंदरों को भगाने में जुट गया। बताया जा रहा है कि उनकी छत की बाउंड्री के नजदीक ही हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। छात्र ने बंदरों को भगाने के लिए जैसे ही स्टील का पाइप उठाया कि वह हाईटेंशन लाइन में जा लगा, जिससे छात्र बेहोश होकर वहीं गिर गया और वह गंभीर रूप से झुलस गया।
उसकी चीख सुनकर स्वजन तुरंत छत पर पहुंचे और उसे उठाकर बिसौली के निजी अस्पताल ले गए लेकिन वहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे विजय यादव के परिवार में कोहराम मच गया। इसकी सूचना पर विजय यादव भी दोपहर के समय घर पहुंच गए लेकिन उन्होंने छात्र के शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। दोपहर बाद उन्होंने बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
लकड़ी का डंडा होता तो शायद बच सकती थी जान
होनी बड़ी बलवान होती है। छात्र को इतनी समझ नहीं थी कि अगर स्टील का पाइप हाईटेंशन से स्पर्श हो गया तो उसे भी करंट लग जाएगा। हालांकि वह केवल बंदरों को भगाने पहुंचा था। वह तो उस दौरान स्कूल जाने की तैयारी कर रहा था। तभी अचानक बंदरों का झुंड छत पर आ गया और वह उन्हें भगाने के लिए छत पर चला गया। अगर उसके हाथ में लकड़ी का डंडा होता तो शायद उसकी जान नहीं जाती।
दहगवां में एक बालक की करंट लगने से मृत्यु हुई है। उसकी उम्र ज्यादा नहीं थी। वह करीब 14 साल का होगा। वह बंदरों को भगा रहा था। उसके हाथ में पाइप लगा था, जिससे उसको करंट लग गया और उसकी मृत्यु हो गई। इसकी सूचना पर पुलिस को भेजा था लेकिन स्वजन ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया।- अश्वनी कुमार, इंस्पेक्टर जरीफनगर
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