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    UP News: ढाई साल से बंद पड़ा कनेक्शन, किसान पर दर्ज हो गया बिजली चोरी का मुकदमा

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 03:42 PM (IST)

    विभागीय लापरवाही और भ्रष्टाचार का शिकार एक गरीब किसान पिछले ढाई साल से अपने खेतों में बिजली के कनेक्शन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे राहत मिलने के बजाय अब बिजली चोरी का झूठा आरोप झेलना पड़ रहा है। उस पर बिजली चोरी का मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है। अब किसान एक बार फिर से विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हो गया है। 

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    संवाद सूत्र, उसहैत। विभागीय लापरवाही और भ्रष्टाचार का शिकार एक गरीब किसान पिछले ढाई साल से अपने खेतों में बिजली के कनेक्शन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे राहत मिलने के बजाय अब बिजली चोरी का झूठा आरोप झेलना पड़ रहा है। उस पर बिजली चोरी का मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है। अब किसान एक बार फिर से विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हो गया है। लेकिन उसकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही। उसने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी मामले की शिकायत दर्ज कराई है।

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    क्षेत्र के गांव सूर्यनगला निवासी किसान बदन सिंह ने बताया कि उन्होंने 16 जून 2022 को बड़ी मुश्किल से अपने खेत में एलटी कनेक्शन लेकर ट्यूबवेल लगवाया था। इस कनेक्शन की वास्तविक कीमत 1,03,719 रुपये थी, लेकिन तत्कालीन जेई और लाइनमैन ने उनसे 1,82,000 रुपये वसूल किए थे। प्रारंभ में आठ महीने तक ट्यूबवेल से खेतों की सिंचाई सुचारू रूप से होती रही, मगर उसके बाद अचानक बिजली कनेक्शन काट दिया गया। बदन सिंह के अनुसार जब उन्होंने जेई और लाइनमैन से बिजली बहाल करने की गुहार लगाई, तो उन्हें खुद लाइन जोड़ने की सलाह दी गई। कई बार विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने पर भी न तो कनेक्शन जोड़ा गया और न ही कोई ठोस कार्रवाई हुई।

    किसान ने मुख्यमंत्री पोर्टल, जिलाधिकारी, विद्युत अभियंता, विधायक और सांसद तक अपनी समस्या पहुंचाई, लेकिन समाधान नहीं निकला। किसान का कहना है कि दो साल से अधिक समय से उनके खेत सूखे पड़े हैं, जिससे फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। परिवार की आर्थिक स्थिति भी लगातार बिगड़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान जेई से भी तीन महीने से लगातार गुहार लगा रहे हैं, पर सुनवाई नहीं हुई।

    सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि एक अक्टूबर 2025 को किसान के पास बिजली चोरी का नोटिस पहुंचा, जबकि उनके पास नियमित बिल जमा करने की रसीदें मौजूद हैं और उनका कनेक्शन ढाई साल से बंद पड़ा है। किसान बदन सिंह ने जिलाधिकारी से पुनः न्याय की मांग करते हुए कहा कि वह पहले ही विभागीय भ्रष्टाचार और लापरवाही से त्रस्त हैं, अब उन पर झूठी एफआईआर दर्ज कर अतिरिक्त उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में बिजली विभाग के जेई बाल कृष्ण प्रजापति का कहना है, यह मामला जानकारी में आया तो है। जल्द इसकी जांच कर मदद दी जाएगी।