Bahraich News: अस्पताल में गर्भवती की मौत के बाद परिजनों ने किया बवाल, लापरवाही का लगाया आरोप
बहराइच के मेडिकल कॉलेज में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही और ऑक्सीजन न देने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। महिला को सांस लेने में दिक्कत होने पर मोतीपुर से रेफर किया गया था लेकिन परिजनों के अनुसार अस्पताल में उसे उचित इलाज नहीं मिला। अस्पताल प्रशासन ने महिला की हालत गंभीर बताई है।

जागरण संवाददाता, बहराइच। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गुरुवार सुबह एक गर्भवती की मौत हो गई। इस पर स्वजनों ने इलाज न करने और मरीज को ऑक्सीजन न लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना पर पहुंचे सीएमएस व पुलिस कर्मियों ने लोगों को शांत कराया।
मोतीपुर इलाके चौधरी गांव निवासी 25 वर्षीय प्रमिला गुप्ता छह माह की गर्भवती थी। अस्पताल में मौजूद महिला की ननद सुशीला गुप्ता ने बताया कि सुबह चार बजे सांस लेने में भाभी को दिक्कत हुई। इस पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोतीपुर में भर्ती कराया गया। यहां हालत गंभीर होने पर उसे मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस से महिला सुबह सात बजे अस्पताल पहुंच गई।
आरोप है कि सांस लेने में तकलीफ होने के बावजूद महिला को ऑक्सीजन नहीं दिया गया। बल्कि उसे एकबार डॉ. मेघा द्वारा देखने के बाद लखनऊ रेफर करने का फरमान जारी कर दिया गया। पति ओमप्रकाश ने बताया कि रेफर कागज बनाने में अस्पताल प्रशासन को चार घंटे लग गए और पत्नी की मौत हो गई। इस पर परिवार में कोहराम मच गया।
स्वजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने, ऑक्सीजन न लगाने और इलाज के नाम पर एक स्वास्थ्य कर्मी पर पांच हजार रुपये घूस मांगने का भी आरोप लगाया। हंगामे की सूचना मिलने पर चौकी इंचार्ज एके राय व सिपाही नीलेश, सीएमएस डॉ. मदन मोहन त्रिपाठी, हास्पिटल मैनेजर रिजवान मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों से वार्ता की।
इसके बाद अस्पताल के एंबुलेंस से गांव शव भेजवा दिया। स्वजनों ने अस्पताल प्रशासन पर दबाव बनाने का भी आरोप लगाया। सीएमएस का कहना है कि महिला की हालत गंभीर थी। इलाज शुरू होने से पहले ही मौत हो गई थी।
अन्य मरीजों ने लापरवाही का लगाया आरोप
हंगामा की सूचना मिलने पर कई लोग मौके पर पहुंचे। अस्पताल में भर्ती निशा व सुनीता के पति ने बताया कि महिला अस्पताल की बहुत खराब स्थिति है। किसी की सुनवाई नहीं हो रही है। डाक्टर, स्टाफ नर्स के सहारे मरीजों का इलाज करवा रहे हैं। स्वयं नहीं देख रहे हैं।
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