दीपावली पर चार बच्चे हुए अनाथ, मां-बाप के इस खौफनाक कदम से पूरे परिवार में मातम
दीपावली के अवसर पर एक दुखद घटना में, एक दंपत्ति ने आत्महत्या कर ली, जिससे उनके चार बच्चे अनाथ हो गए। इस घटना से पूरे परिवार और इलाके में मातम छा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और बच्चों को रिश्तेदारों की देखरेख में रखा गया है। प्रशासन ने बच्चों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।
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संवाद सूत्र, नवाबगंज (बहराइच)। कानी बगिया मुहल्ला निवासी दंपती का आपस में विवाद हो गया। इससे नाराज पहले महिला ने घर में फंदे से लटककर जान दे दी। अंतिम संस्कार वाले दिन पति ने भी मौत को गले लगा लिया। माता-पिता के इस कदम से चार बच्चे अनाथ हो गए। घटना से गांव वाले भी आश्चर्यचकित हैं।
नवाबगंज इलाके के कानी बगिया मुहल्ला निवासी 32 वर्षीय राकेश का बीते सोमवार दोपहर में पत्नी 27 वर्षीय रेखा से किसी मामले को लेकर विवाद हो गया। इससे क्षुब्ध होकर रेखा ने सोमवार ढाई बजे घर के अंदर झज्जे में लगे छल्ले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
सूचना पाकर मृतका रेखा के भाई माधव और पिता संतराम निवासी खुटेहना पयागपुर मौके पर पहुंचे। मंगलवार सुबह आठ बजे जब मृतका का अंतिम संस्कार होने जा रहा था, उसी समय मुकेश ने भी घर के अंदर छज्जे में लगे छल्ले में फंदा लगाकर जान दे दी। घर में दो मौतों से कोहराम मच गया। दंपती की मौत से 12 वर्षीय सौरभ, 10 वर्षीय विवेक, आठ वर्षीय विजय और डेढ़ वर्षीय ओम का रो-रोकर बुरा हाल है। बड़े पुत्र सौरभ ने बताया कि पापा व मम्मी के बीच अक्सर लड़ाई होती रहती थी।
इसी कारण मम्मी ने फांसी लगा ली। जानकारी के बाद जब मामा और नाना घर पर आए तो उन्होंने पिताजी को मारा पीटा। इससे क्षुब्ध होकर पिताजी ने भी सुबह फांसी लगा ली। बच्चों का कहना है कि नाना और मामा सारा जेवर अपने साथ लेकर जाने का प्रयास कर रहे थे, इसी कारण विवाद हुआ। थानाध्यक्ष रमाशंकर यादव ने बताया कि मृतक युवक के भाई अरविंद की तहरीर पर जांच कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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