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    यूपी की इस च‍ीनी म‍िल पर चला योगी सरकार का चाबुक, 20 हजार किसानों को गन्ना बकाए के 103 करोड़ नहीं देने पर हुआ एक्‍शन 

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 04:18 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में लापरवाही बरतने पर एक चीनी मिल पर सख्त कार्रवाई की है। मिल पर 20 हजार किसानों का 103 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया था। योगी सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है, जिससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। यह कार्रवाई अन्य चीनी मिलों के लिए भी एक चेतावनी है।

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    जागरण संवाददाता, बहराइच। गोंडा-बहराइच मार्ग पर स्थित शिंभावली शुगर चीनी मिल चिलवरिया पर सरकार ने चाबुक चलाते हुए इस सत्र में गन्ना पेराई पर रोक लगा दी है। पिछले दो साल से करीब 15 से 20 हजार किसानों का एक अरब 3 करोड़ रुपये बाकी है। जो आज तक चीनी मिल प्रशासन द्वारा अदा नहीं किया गया है। इस पर सरकार ने कड़ा उठाया है। वहीं इस चीनी मिल को गन्ना बेचने वाले किसानों को अब आसपास की चार अन्य चीनी मिलों को गन्ना देने की बात कही गई है।

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    जिले में चार चीनी हैं। इनमें से एक शिंभावली चीनी मिल चिलवरिया द्वारा पिछले दो वर्षों में 15 से 20 हजार किसानों का गन्ना सरकारी मूल्य पर खरीदा था। लेकिन गन्ने का भुगतान नहीं किया। अभी भी चीनी मिल पर 103 करोड़ रूपये की देनदारी है। पिछले वर्ष तो इस चीनी मिल द्वारा पेराई की गई लेकिन इस बार सरकार ने किसानों के हित में कड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि इस सत्र में चीनी मिल बंद रहेगी न किसानों का गन्ना खरीदेगी और न ही पेराई करेगी। बताया जा रहा है कि चीनी मिल प्रशासन का कोई मामला कोर्ट में लंबित हैं। इसके चलते किसानों का भुगतान नहीं किया जा रहा है।

     

    आसपास की चार चीनी मिलों पर बेचेंगे गन्ना

     

    शिंभावली चीनी मिल पर इस कार्यवाई के बाद अब यहां के करीब 20 हजार किसान अपना गन्ना आसपास की चार चीनों मिलों को बेचने की बात गन्ना विभाग द्वारा कही गई है। इनमें तुलसीपुर, बलरामपुर, जरवल रोड और नानापरा की चीनी मिलें शामिल हैं।

     

    दो साल का गन्ना मूल्य का भुगतान न करने के कारण इस बार चिलवरिया चीनी मिल को गन्ने का आवंटन नहीं किया गया है। चीनी मिल पर 103 करोड़ रूपये बकाया है। इस चीनी मिल क्षेत्र का जो गन्ना है उसे निकटवर्ती और नियमित भुगतान करने वाली चार चीनी मिलों को दिया गया है। सरकार का यह कठोर कदम हैं।- आनंद शुल्क, जिला गन्ना अधिकारी, बहराइच।