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    संपत्ति पर स्टाम्प शुल्क में छूट सरकार का बड़ा फैसला, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों व आमजन को संपत्ति खरीद-बिक्री में राहत

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 04:54 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति के खरीद-बिक्री और पारिवारिक बंटवारे पर बड़ा फैसला लिया है। पूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को अब 20 लाख से अधिक की संपत्ति पर स्टाम्प शुल्क में छूट मिलेगी। महिलाओं को 1 करोड़ तक की संपत्ति पर 1 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी। विभाजन विलेख पर स्टाम्प शुल्क अब केवल 5000 रुपये लगेगा।

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    पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों व आमजन को संपत्ति खरीद-बिक्री व बंटवारे में राहत।

    जागरण संवाददाता, नवानगर (बलिया)। प्रदेश सरकार ने संपत्ति की खरीद-बिक्री और पारिवारिक बंटवारे से जुड़े मामलों में आमजन, पूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है। पूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को 20 लाख रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर स्टांप शुल्क में 100 प्रतिशत छूट मिलती थी।

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    महंगाई को देखते हुए सरकार इस सीमा को 20 लाख रुपये से अधिक तक बढ़ाने की तैयारी में है। महिलाओं को पहले से ही एक करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर एक प्रतिशत स्टांप शुल्क छूट का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 हजार रुपये से अधिक के निबंधन शुल्क का ई-भुगतान सभी जिलों में अनिवार्य किया जाएगा।

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    फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए आधार प्रमाणीकरण प्रणाली लागू करने और प्राधिकरणों के आवंटियों के लिए सिंगल विंडो से ई-पंजीकरण व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने उप पंजीकरण कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और स्टांप वेंडरों का कमीशन तार्किक ढंग से बढ़ाने की भी आवश्यकता जतायी है। पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है।

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    कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित कर दिया है कि अब विभाजन विलेख के पंजीकरण पर भारी-भरकम शुल्क नहीं लगेगा। स्टांप और रजिस्ट्रेशन शुल्क मिलाकर अधिकतम 5000 रुपये ही देना होगा। पहले एक करोड़ रुपये की संपत्ति के बंटवारे में ही करीब पांच लाख रुपये तक खर्च हो जाता था, लेकिन अब वही काम सिर्फ 5000 रुपये में संभव होगा।

    बोले अध‍िकारी

    सरकार का यह निर्णय ऐतिहासिक है। अब कोई भी व्यक्ति महंगे शुल्क के कारण विभाजन विलेख दर्ज कराने से नहीं हिचकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से संपत्ति बंटवारे के मामले विवाद का कारण बनते रहे हैं। शुल्क घटने से लोग आगे आकर दस्तावेजों का पंजीकरण कराएंगे और विवादों में कमी आएगी। -अमरनाथ यादव, प्रभारी उप निबंधक, सिकंदरपुर।

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