बिहार सीमा पर खुले शराब की दुकानों को बंद करने की मांग, दुकानों को आवंटन पर उठ रहे सवाल
बिहार की सीमा पर स्थित शराब की दुकानों को बंद करने की मांग तेज हो गई है। इन दुकानों के आवंटन पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि लोगों का मानना है कि इससे राज्य में अवैध शराब का कारोबार बढ़ रहा है। स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

बिहार सीमा पर खुले शराब की दुकानों को बंद करने की मांग।
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया)। बिहार सीमा से कुछ कदम दूरी पर सरकार द्वारा सरकारी अंग्रेजी शराब की दुकानों को आवंटित कर स्थापित करने की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के पुत्र डॉ विपुलेंद्र प्रताप सिंह ने सरकार से सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां कोई आबादी नहीं है। वहां की शराब की दुकानों को बंद करने का आग्रह किया है।
उनका कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्र में शराब के दुकानों को स्थापित किए जाने के कारण युवा वर्ग शराब की तस्करी में संलिप्त हो रहा है। जो सभ्य समाज के लिए कतई उचित नहीं है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव आकर भी यह बात उठाई है। जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि रामपुर कोड़रहा हो सिताब दियरा का इलाका हो, बकुलहा या गोपाल नगर हो अथवा रामगढ़ या दोकटी की अंग्रेजी शराब की दुकान हो, हर जगह बिहार सीमा के बिल्कुल सटे अंग्रेजी शराब की दुकान खोली गई है।
जहां से आसानी से तस्करी करके शराब बिहार भेजा जा रहा है, और उसके अनुज्ञापियों के साथ-साथ उसके जिम्मेदार अन्य लोग अनैतिक तरीके से लाभ कमा रहे हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भरौली से लेकर सिताब दियरा के इलाके तक बकुलहा से लेकर सिकंदरपुर तक हर जगह दियाराचंल में बिहार सीमा पर शराब की दुकान स्थापित कर दी गई है। जो कतई उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस संदर्भ में शासन के सामने स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। जिससे समाज में अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो सके।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।