यूपी के इस जिले में गंगा दिखा रही रौद्र रूप, 14 घंटे के अंदर नदी में समा गए 24 मकान
बलिया के चक्की नौरंगा में गंगा के कटाव से हाहाकार मचा है। एक सप्ताह में 106 लोगों के मकान गंगा में समा चुके हैं जिनमें से 24 मकान मंगलवार से बुधवार के बीच गिरे। बेघर हुए लोगों को प्रशासन की ओर से रहने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिससे वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया)। गंगा उस पार चक्की नौरंगा में लगातार आफत बरस रही है। गंगा कटान से पिछले एक सप्ताह से अफरा-तफरी मची है। गंगा की उतरती लहरें ज्यादा घातक हो गई हैं। गंगा की लहरें दहाड़ते हुए लोगों के मकानों को टक्कर मार रहीं हैं। मंगलवार से शाम से बुधवार दोपहर तक 24 लोगों के मकान नदी में गिर गए। बड़ी बात यह कि कटान में घर गिरने के बाद पीड़ितों को रहने के लिए तहसील प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
पीड़ित कटान स्थल से कुछ दूरी पर शरण लिए हुए हैं। अधिकांश कटान पीड़ित अनुसूचित वर्ग हैं। बेघर होने के बाद वह प्रशासन की ओर मदद की उम्मीद लगाए हैं। गांव के लोगों ने बताया कि अब तक 106 लोगों के मकान गंगा में विलीन हो चुके हैं। मंगलवार और बुधवार को संजू देवी, माया देवी, मनोज राम, चंचल देवी, शिला देवी, सुभागो देवी, लालबछिया देवी, रीना देवी, कुंती देवी, ललसा देवी, राजकुमारी देवी, दयांति देवी, विशुन दयाल राम, सुशीला देवी, संजय राम, कृष्णा राम, मंजू देवी, अमित राम, गोविंद राम, कमलेश राम, चनकेशिया देवी, मानती देवी, शिवशंकर राम और पवन कुमार आदि के मकान नदी में गिरे।
उस समय अधिकांश पीड़ित किनारे पर ही थे। सभी लोग एक टक लाखों रुपये की लागत से बने मकान को नदी में समाहित होते देख रहे थे। पीड़ितों ने बताया कि सरकार ने राशन तो दिया है लेकिन बेघर होने के बाद कहां पर शरण लें, इसकी व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे भारी परेशानी हो रही है। सभी ने उपजिलाधिकारी से आग्रह किया है कि तत्काल किसी सरकारी भवन में रहने की व्यवस्था कराएं ताकि वह अपने सामान के साथ उसमें शरण ले सकें। गांव के प्रधान सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि अगर इसी तरह कटान जारी रहा तो पूरे गांव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। गंगा कटान अब बाजार की ओर से भी बढ़ने लगा है। वहां कई दुकानें हैं। सभी लोग भयभीत हैं, लेकिन बचाव के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा है।
नौरंगा चक्की में 24 लोगों के मकान गिरने की सूचना मिली है। सभी कटान पीड़ितों को जरूरी सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी को भूमि का पट्टा देकर बसाया जाएगा। फिलहाल उनके रहने की व्यवस्था की जा रही है।- आलोक प्रताप सिंह, उप जिलाधिकारी, बैरिया।
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