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    PET परीक्षा सॉल्वर गैंग का सरगना निकला डॉक्टर, अब संविदा निरस्त करने की तैयारी

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 03:01 PM (IST)

    बांसडीह में तैनात डॉक्टर अमित गुप्ता पीईटी परीक्षा सॉल्वर गिरोह का सरगना निकला। लखनऊ में गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य विभाग में हलचल है। वह 3 सितंबर से गायब है। मरीजों ने पहले भी उसकी शिकायत की थी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जांच में पता चला कि वह एक संगठित आपराधिक गिरोह का सरगना था। पुलिस रिपोर्ट आने पर निलंबन और संविदा निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

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    पीईटी परीक्षा साल्वर गैंग का सरगना निकला चिकित्सक, संविदा निरस्त करने की तैयारी।

    जागरण संवाददाता, बांसडीह (बलिया)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह में तैनात चिकित्सक डा. अमित गुप्ता उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक (पीईटी) की परीक्षा साल्वरों गिरोह का सरगना निकला।

    लखनऊ में गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हलचल बढ़ गई। मुख्य चिकित्साधिकारी डा.संजीव वर्मन ने बताया कि पुलिस की रिपोर्ट आते ही चिकित्सक को निलंबित कर दिया जाएगा।

    इसके बाद संविदा को भी निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वह तीन सितंबर से ही बगैर किसी सूचना स्वास्थ्य केंद्र से गायब है।

    राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत डा. अमित गुप्ता की नियुक्ति छह महीने पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेरूआरबारी में किया गया था। इसके बाद उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह में भेज दिया गया था। तैनाती के बाद से ही वह बहुत ही दबंगई से काम करता था।

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    बेधड़क होकर बाहर की दवा मरीजों को लिखता था। वह खास तौर पर कुछ मेडिकल स्टोर और डायग्नोस्टिक सेंटरों के नाम बताकर मरीजों को भेजता था। यदि कोई मरीज कहीं और से जांच करवा लेता, तो वह उसकी रिपोर्ट को गलत बताकर फेंक देता था।

    मऊ के घोसी निवासी चिकित्सक स्थानीय स्तर पर तो बहुत लोगों को झांसा नहीं दे पाया है लेकिन अन्य जिलों में परीक्षा पास कराने का काम करता था। चिकित्सकों का कहना है कि वह अक्सर लखनऊ ही जाता था। वहीं से साल्वर गिरोह का संचालन करता था। परीक्षा की तिथि घोषित होने के पहले ही लखनऊ में पहुंचकर गैंग का संचालन करने लगा था।

    शिकायतों के बाद भी नहीं होती थी कार्रवाई

    सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह में डा. अमित गुप्ता के खिलाफ मरीजों ने कई बार एसडीएम और मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक शिकायत की थी, लेकिन उस पर कोई लगाम नहीं लगाई गई।

    बताते हैं कि अस्पताल में डाक्टरों की कमी के कारण, चिकित्सा अधीक्षक भी उसकी हरकतों को नजरअंदाज करते थे। लखनऊ में उसकी गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि वह सिर्फ एक चिकित्सक ही नहीं, बल्कि एक संगठित आपराधिक गिरोह का सरगना था।

    लखनऊ में दर्ज मुकदमें की कापी मिली है लेकिन उसमें चिकित्सक का नाम नहीं है। पुलिस की रिपोर्ट आते ही डा. अमित गुप्ता को निलंबित करते हुए संविदा को निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। कुछ लोग बाहर की दवा लिखने की शिकायत उप जिलाधिकारी से किए थे। जानकारी मिलने पर चेतावनी दी गई थी।

    डा.संजीव वर्मन, मुख्य चिकित्साधिकारी, बलिया