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    बलरामपुर में गबन के आरोपी डीसी एमडीएम सेल समेत पांच गिरफ्तार, 44 नामजद समेत अन्य पर दर्ज है केस

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 08:21 AM (IST)

    बलरामपुर पुलिस ने गबन के आरोप में डीसी एमडीएम सेल सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों पर 44 नामजद और अन्य अज्ञात लोगों के साथ गबन का मामला दर्ज है। पुलिस ने जांच के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर यह कार्रवाई की है। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, बलरामपुर। मध्यान्ह भोजन योजना में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आने के बाद पुलिस ने एमडीएम सेल के जिला समन्वयक समेत 44 लोगों को नामजद करते हुए अन्य सहयोगियों पर केस दर्ज किया है। पुलिस ने डीसी एमडीएम फिरोज अहमद खान निवासी बरगदवा सैफ पचपेड़वा, प्रधानाध्यापक अशोक कुमार गुप्त निवासी बलुआ बलुई कोतवाली देहात, प्रधान नसीम अहमद निवासी चयपुरवा गैंसड़ी, विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष मो. अहमदुल कादरी निवासी मध्यनगर पचपेड़वा एवं सहायक अध्यापक मलिक मुनव्वर निवासी धुसवा इटईरामपुर गैंड़ासबुजुर्ग को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

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    पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ल ने नगर कोतवाली में दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि मध्यान्ह भोजन योजना में साठगांठ से कन्वर्जन कास्ट के अभिलेखों में कूटरचना कर 11 करोड़ से अधिक का गबन कर लिया गया है।

    तहरीर के आधार पर एमडीएम सेल के जिला समन्वयक फिरोज अहमद खान समेत 44 लोगों को नामजद करते हुए अन्य सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज किया गया। नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने डीसी एमडीएम सेल समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

    ऐसे कर रहे थे कन्वर्जन कास्ट में फर्जीवाड़ा

    आरोपित डीसी फिरोज अहमद खां ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के आईवीआरएस पोर्टल से जिले के 2200 विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या को ज्ञात करके छात्रों की संख्या के सापेक्ष शासन द्वारा निर्धारित कन्वर्जन कास्ट के गुणांक में धनराशि की गणना कर एक्सेल सीट तैयार की जाती थी। बीएसए से अग्रसारित कराकर वित्त लेखाधिकारी से परीक्षित कराकर स्वीकृति के लिए जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जाती थी।

    एक्सल सीट को जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद एक्सेल सीट को पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाना चाहिए, ताकि एक्सेल सीट पर अंकित धनराशि विद्यालयों के खाते में पहुंच जाए। डीसी द्वारा इस स्तर पर मूल एक्सेल सीट को अपलोड न करके अपने सहयोगी विद्यालयों के खातों में अंकित धनराशि को बढ़ाकर उसी बढ़ाई हुई धनराशि के सापेक्ष अन्य विद्यालयों के खातों से कम कर दी जाती थी।

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    इससे जिलाधिकारी से अनुमोदित धनराशि में कोई अंतर नहीं आता था। इस प्रकार कूटरचना के फलस्वरूप जिन विद्यालयों में धनराशि बढ़ाकर भेजी जाती थी, उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, ग्राम प्रधान व अभिभावक समिति के अध्यक्ष द्वारा धनराशि को निकालकर आपस में बांट लिया जाता था।

    2015 से खंगाला जाएगा विवरण

    एसपी ने बताया कि डीसी एमडीएम सेल के अनुसार जबसे मध्यान्ह भोजन योजना शुरू हुई है, तबसे वह फर्जीवाड़ा कर रहा है। पहले स्केल कम था, अब अधिक हो गया है। बीएसए की तहरीर के अनुसार 2021 से अब तक हुए फर्जीवाड़े में 11 करोड़ का गबन सामने आया है। इसकी गहराई में जाने के लिए अब वर्ष 2015 से अब तक का विवरण खंगाला जाएगा।

    इसमें गबन की धनराशि बढ़ने की संभावना है। बताया कि फिरोज अहमद मदरसों में भेजी जाने वाले धनराशि व मलिक मुनव्वर परिषदीय विद्यालयों में भेजी जाने वाली धनराशि का कमीशन रखते थे। विद्यालयों से 25 प्रतिशत के कमीशन का खेल चल रहा था।