Updated: Wed, 20 Aug 2025 07:43 PM (IST)
बलरामपुर पुलिस ने चाइनीज लोनिंग एप के जरिए साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो और सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह क्रिप्टोकरेंसी में पैसे बदलकर विदेश भेजता था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अनिरुद्ध कुमार और हिमांशु मिश्र के रूप में हुई है। पुलिस अब तक इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और आगे की जांच जारी है।
जागरण संवाददाता, बलरामपुर। चाइनीज लोनिंग एप के जरिए साइबर ठगी कर करोड़ों रुपये क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित कर विदेश भेजने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह के सरगना सस्पियर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की धरपकड़ जारी है। ललिया व साइबर थाना की संयुक्त टीम ने गिरोह के दो अन्य सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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आरोपितों की पहचान बाराबंकी के लोनी कटरा थाना स्थित सरैया तेजवापुर निवासी अनुरुद्ध कुमार उर्फ अनिरुद्ध व अमेठी जगदीशपुर के लालीपुर हुसैनगंज कला मुसाफिरखाना (हालपता नीलमाथा निकट साईं पब्लिक स्कूल लखनऊ) निवासी हिमांशु मिश्र के तौर पर हुई है। गिरोह का सरगना सस्पियर जो बाइनेंस आइडी चलाता था, वह अनिरुद्ध के नाम पर ही था। आरोपितों के पास दो एंड्रायड मोबाइल फोन, दो सिमकार्ड, तीन आधार कार्ड, पांच बैंक खातों के चेक व पासबुक एवं एक पैन कार्ड बरामद हुआ है।
अब तक पुलिस नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि ललिया थाना में साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज हुआ था, जो स्थानांतरित होकर साइबर थाना के पास विवेचनाधीन है। पुलिस पूर्व में गिरोह के सरगना सस्पियर निवासी पथरा इंग्लिश थाना मुफास्सिल जिला नवादा बिहार समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर ले चुकी है। साथ ही बिहार के चंपारन निवासी भूषण कुमार चौधरी व उसके बेटे गोलू को भी हाल ही में गिरफ्तार किया था।
ऐसे उपलब्ध कराते थे म्यूल अकाउंट
आरोपित अनिरुद्ध ने पूछताछ में बताया कि वह कुछ वर्षों से अमूल डेयरी में काम करता था। वहीं उसकी मुलाकात हिमांशु मिश्र से हुई। हिमांशु ने बताया कि एक बिजनेस है, जिसमें अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। इसके लिए उसने आधार का पता बदलवाया। आधार व पते पर अपनी एक बाइनेंस आईडी बनाई और बैंक खाते खुलवाए। अपना व दो अन्य लोगों को मिलाकर पांच बैंक खाते हिमांशु को उपलब्ध कराए। बैंक खातों में आने वाले पैसे को एटीएम से निकालकर बाइनेंस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीदकर सस्पियर द्वारा उपलब्ध कराई गई बाइनेंस आइडी पर भेजता था। कमीशन में अच्छा लाभ मिलता था।
हिमांशु मिश्र ने बताया कि पहले वह गुजरात में काम करता था। जब वहां काम छोड़कर घर आया ताे दो व्यक्तियों से मुलाकात हुई। दोनों ने म्यूल अकांउट उपलब्ध कराने व इसके बदले अच्छा कमीशन देने की बात कही। इस पर हिमांशु ने अनिरुद्ध से मिले पांच व अपना मिलाकर छह बैंक खाते उपलब्ध कराए थे। उन दोनों व्यक्तियों को पुलिस तलाश रही है।
दो बैंक खातों पर 20 हजार शिकायतें
एसपी ने बताया कि म्यूल अकाउंट से विदेश रुपये भेजने का एक बड़ा नेटवर्क है। अब तक हुई जांच में इन सभी की आइडी से 112 करोड़ 60 लाख 35 हजार 447 रुपये भेजने की पुष्टि हुई है। जांच में 24 बैंक खाते ऐसे पाए गए हैं, जिन पर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर 64 शिकायतें हैं। साथ ही दो बैंक खाते ऐसे हैं, जिनके विरुद्ध 20 हजार शिकायतें दर्ज हैं।
पाकिस्तान व नेपाल से जुड़े तार
गिरोह के सरगना सस्पियर की गिरफ्तारी के बाद उसकी बाइनेंस आइडी से हवाला के रुपये पाकिस्तान भेजने की पुष्टि हुई थी। सस्पियर की बाइनेंस आइडी का डाटा खंगालने पर कुछ आइडी से मोटी रकम भेजने की पुष्टि हुई। इसमें मुख्य रूप से छह बाइनेंस आइडी पाई गई, जिसमें पांच भारत व एक नेपाल की है। नेपाल की आइडी का पता लगाने के लिए बाइनेंस से डाटा मांगा गया है।
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