पाकिस्तान जेल में बंद हैं यूपी के इस जिले के मछुआरे, मिले खत को पढ़ परिवारवालों में मचा हाहाकार
उत्तर प्रदेश के एक जिले के कुछ मछुआरे पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। हाल ही में, उनका एक पत्र उनके परिवार को मिला, जिससे परिवार में दुख का माहौल है। परिवारजनों ने सरकार से मछुआरों को छुड़ाने की गुहार लगाई है और मदद की अपेक्षा कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, बांदा। पाकिस्तान की लांड्री जेल में बंद मछुआरों के स्वजन को पत्र मिलते ही घरों में मातम सा छा गया। सभी के घरों के स्वजन बेहद चिंतित है। तिंदवारी के जसईपुर, धौसड़ व दरदा निवासी चारों युवकों की दर्द भरी दास्तां लिखी चिठ्ठी मोबाइल के वाट्सएप में मिली है। बीमारी में सही इलाज न मिलने व चंद दवाओं के बलबूते जी रहे मछुआरों ने ऐसे में जान जाने की भी आशंका जताई है। स्वजन देश के प्रधानमंत्री से सपूतों को पाक जेल से रिहा करवाने की मांग की है।
पहले छूटकर आ जाते थे
जिले में तिंदवारी थाना क्षेत्र के जसईपुर, धौसड़ समेत आसपास के कई गांवों के मछुआरे हर साल ठेके पर मछली का शिकार करने गुजरात के पोरबंदर जाते हैं। समुद्र में मछली का शिकार करते समय तेज हवा के साथ बहाव में नाव पाक सरहद पर पहुंचने से मछ़ुआरों को पाक सैनिक गिरफ्तार कर जेल में डाल देते हैं। हालांकि ऐसा होने के बाद हर वर्ष यहां के मछुआरे मछली का शिकार करने जाते हैं और पाकिस्तान जेल से छूट कर आते हैं।
ये लोग बंद हैं लांड्री जेल में
शनिवार को मिले पत्र ने पांच वर्ष से पाक जेल में बंद मछुआरों के स्वजन की चिंता बढ़ा दी है। तिंदवारी के धौसड़ निवासी वसीर का 26 वर्षीय बेटा चांदबाबू व जागेश्वर का 22 वर्षीय बेटा लक्ष्मण और पड़ोसी गांव जसईपुर के संजय का 28 वर्षीय जीतेंद्र व दरदा गांव निवासी उमाशंकर का 32 वर्षीय बेटा सर्वेश इन दिनों पाकिस्तान की लांड्री जेल में बंद हैं।
पांच साल से बंद हैं
पांच वर्षों से पाकिस्तान की जेल में बंद इन चारों नवयुवक मछुआरों के स्वजन के बेहद चिंतित हैं। शनिवार को जसईपुर निवासी जीतेंद्र के मां रानी देवी के मोबाइल पर वाट्सएप नंबर से पत्र मिला है। जिसमें चारों युवकों ने पाकिस्तान के लांड्री जेल से अपनी दास्तां लिखी है। मां रानी देवी ने रो-रोकर बताया कि पत्र में चारों के बीमार होने की बात लिखी है।
लगाई गुहार
परिवार वालों का कहना है कि पाकिस्तान जेल में काफी दिनों से बीमार होने व चंद दवाओं के बलबूते जी रहे सपूतों के कब जान चली जाए कहा नहीं जा सकता है। यह भी लिखा है कि बीमारी के कारण अन्य कई भारतीय मछुआरों को छोड़ा जा चुका है। क्योंकि उनके यहां से मंत्री, विधायकों आदि के द्वारा पहल की गई है। जो मछुआरे हमसे बांद में जेल में आए उन्हें रिहा किया जा चुका है। मां रानी देवी समेत सभी मछुआरों के स्वजन ने रो-रोकर जिलाधिकारी, आयुक्त, जल शक्ति राज्यमंत्री समेत देश के प्रधानमंत्री से अपने बेटों को छुड़ाने की गुहार लगाई है।

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